गुवाहाटी। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने आज असम विधानसभा परिसर में कई नव विकसित सुविधाओं का अनावरण किया, जिनमें एक कमांड और नियंत्रण केंद्र, कैफेटेरिया, डिजिटल कॉरिडोर, स्मार्ट पोल और प्राचीन असम का प्रतिनिधित्व करने वाला एक बलुआ पत्थर का स्तंभ शामिल है। असम विधान सभा परिसर में अपने संबोधन में शर्मा ने असम विधान सभा के अध्यक्ष विश्वजीत दैमारी, उपाध्यक्ष डॉ नुमाल मोमिन और विधानसभा के अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने विधानसभा के आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शर्मा ने राज्य की सांस्कृतिक पहचान में असम के आदिवासी समुदायों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला और कहा कि उनकी जीवंत कला, सांस्कृतिक प्रथाएं और परंपराएं असम की विरासत के आवश्यक घटक हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र का शानदार इतिहास ऐसी सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों के माध्यम से जीवंत होता है, जिसमें कचारी साम्राज्य के ऐतिहासिक अवशेष शामिल हैं, जो पूर्वोत्तर भारत के इतिहास में एक स्थायी स्थान रखते हैं। विधानसभा परिसर में कछारी साम्राज्य के अखंड स्तंभ की प्रतिकृति का अनावरण करने पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यह स्थापना आदिवासी कला, संस्कृति और विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए एक स्थायी प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने दोहराया कि असम की वर्तमान सरकार अपने आदिवासी समुदायों की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए समर्पित है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि नई सुविधाएं विधानसभा द्वारा परंपरा को आधुनिकता के साथ सामंजस्य स्थापित करने के प्रयास को दर्शाती हैं, जो डिजिटल प्रगति के साथ-साथ असम की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करती हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस तरह की पहल असम के प्राचीन इतिहास के प्रति अधिक सराहना को प्रेरित करेगी। इस कार्यक्रम में असम विधानसभा के अध्यक्ष विश्वजीत दैमारी, संसदीय कार्य मंत्री पीयूष हजारिका, शिक्षा मंत्री डॉ. रनोज पेगू, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री जोगेन मोहन, कपड़ा मंत्री यूजी ब्रह्म और चाय जनजाति कल्याण विभाग के मंत्री संजय किशन सहित अन्य लोग शामिल हुए।