अमेरिका ने एक बार फिर सीरिया में ईरान समर्थित आतंकी समूहों से जुड़े हथियार भंडारण पर किया हमला
एफ-15 युद्धक विमानों का इस्तेमाल कर किया हमला, नौ की मौत
वाशिंगटन।
अमेरिका ने बुधवार को एक बार फिर सीरिया में ईरान समर्थित आतंकी समूहों से जुड़े हथियार भंडारण पर हमला किया। इस हमले में नौ लोगों के मारे जाने की खबर सामने आई है। बता दें, दो हफ्ते के अंदर दूसरी बार सीरिया की किसी जगह को निशाना बनाया गया। पिछले महीने इन समूहों ने सीरिया में अमेरिकी सैनिकों और मिलिट्री स्टेशनों पर कथित तौर पर हमला कर दिया था। अमेरिकी सेना के सूत्रों के मुताबिक ये कार्रवाई उसी उकसावे को ध्यान में रखकर की गई है।
हथियार भंडारण केंद्र पर हमला
अमेरिकी रक्षा सचिव (रक्षा मंत्री) लॉयड जे. ऑस्टिन ने इस संबंध में आधिकारिक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी कर्मियों के खिलाफ हुए हमलों के जवाब में युद्धपोतों ने पूर्वी सीरिया में ईरान से जुड़े हथियार भंडारण केंद्र पर हमला कर दिया।
इजराइल - हमास युद्ध को क्षेत्रीय युद्ध में बदलने से रोकने की कोशिश
अमेरिका का कहना है कि पूर्वी सीरिया में निशाना बनाया गया हथियार भंडारण केंद्र ईरान से जुड़ा हुआ है। यह ऐसे समूहों का समर्थन करता है, जिनको वाशिंगटन मध्य पूर्व में अपनी सेनाओं पर हमलों में बढ़ोतरी के लिए दोषी मानता है। अमेरिका ईरान और उसके प्रतिनिधियों को इजराइल - हमास युद्ध को क्षेत्रीय युद्ध में बदलने से रोकने की कोशिश कर रहा है, लेकिन प्रतिक्रिया में बार-बार होने वाले हमलों से वाशिंगटन और तेहरान के बीच संघर्ष का खतरा बढ़ गया है।
एफ-15 युद्धक विमानों का इस्तेमाल कर किया हमला
अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने बताया कि अमेरिकी की सेना ने पूर्वी सीरिया में ईरान के जिस भंडारण केंद्र को निशाना बनाया है, उसका इस्तेमाल इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्स (आईआरजीसी) और इससे संबंधित समूहों द्वारा किया जाता है। वहीं, कहा जा रहा है कि भंडारण केंद्र पर हमला दो अमेरिकी एफ-15 युद्धक विमानों से किया गया था।
गौरतलब है, इससे पहले अमेरिका ने 27 अक्टूबर की सुबह सीरिया में ईरान समर्थित आतंकी समूहों पर आत्म रक्षात्मक सैन्य कार्रवाई की थी। बीते दिनों इन समूहों ने सीरिया में अमेरिकी सैनिकों और मिलिट्री स्टेशनों पर कथित तौर पर हमला कर दिया था। अमेरिकी सेना के सूत्रों के मुताबिक ये कार्रवाई उसी उकसावे को ध्यान में रखकर की गई थी। रक्षा सचिव ने कहा था कि जब अमेरिकी सेना के ठिकानों पर ईरान समर्थित इन आतंकियों ने हमला किया तो हमले के दौरान शेल्टर लेते समय एक अमेरिकी ठेकेदार की हार्ट अटैक से मौत हो गई, साथ ही इस हमले में 21 अमेरिकी सैनिक मामूली रूप से घायल हो गये थे, हालांकि अभी वह वापस ड्यूटी पर लौट आए हैं।