भारतीय क्रिकेट टीम के अनुभवी स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा है कि जब वह शुरुआत में भारतीय टीम में आये थे तो दिग्गज ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह की नकल करते थे । इस कारण ये था कि वह हरभजन ने प्रेरित थे और उन्हीं की तरह गेंदबाजी करना चाहते थे। इसके लिए वह हरभजन के गेंदबाजी एक्शन की नकल भी करते थे। उन्होंने कहा कि जब वह हरभजन की जगह पर भारतीय टेस्ट टीम में लिए गये तो लोगों को लगा कि वह किस प्रकार उनकी जगह ले पायेंगे। अश्विन ने कहा, मेरे लिए टीम में अपने को साबित करना बहुत बड़ी चुनौती थी। मैं जूनियर आयु वर्ग में उनके एक्शन को दोहराता था और गेंदबाजी करता था, इसलिए वे मेरे लिए बहुत बड़ी प्रेरणा थे। जब मैं उनकी जगह टीम में आया, तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि हम दोनों एक ही समय में एक साथ खेलेंगे, लेकिन ऐसा हुआ। इस बात को लेकर हमेशा संदेह रहता था कि मैं लाल गेंद वाले क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन कर पाऊंगा या नहीं, क्योंकि मैं आईपीएल से आया था। अश्विन 750 अंतरराष्ट्रीय विकेटों का आंकड़ा हासिल करने के साथ ही मुथैया मुरलीधरन, शेन वॉर्न और अनिल कुंबले के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले केवल चौथे स्पिनर बने हैं। उन्होंने कहा, लेकिन टेस्ट क्रिकेट एक ऐसा प्रारूप है जिसे मैं पसंद करता हूं और मैं हर दिन इसमें सुधार करना चाहता हूं। इस दौरान कई लोगों ने मेरी मदद की और मैं उसी कारण आज यहां तक पहुंचा हूं । अश्विन के नाम अब 522 टेस्ट विकेट हैं। अश्विन ने खुलासा किया कि टेस्ट क्रिकेट में पिछले कुछ वर्षों में उनकी गेंदबाजी और बल्लेबाजी कैसे विकसित हुई है। उन्होंने कहा, मैं ऐसा नहीं सोचता कि मैं वहां जाकर शतक बनाना चाहता हूं। मैं वास्तव में हर टेस्ट मैच में पांच विकेट लेने का लक्ष्य रखता हूं। लेकिन हाल के वर्षों में मेरी बल्लेबाजी पहले की तुलना सरल हो गई है ।