हर संस्थान में नवाचार और प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए मददगार होगा ड्रोन : राजदूत सुजान आर चिनॉय

हर संस्थान में नवाचार और प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए मददगार होगा ड्रोन : राजदूत सुजान आर चिनॉय
हर संस्थान में नवाचार और प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए मददगार होगा ड्रोन : राजदूत सुजान आर चिनॉय

कानपुर, (हि.स.)। यह ड्रोन प्रौद्योगिकी में भारत की रणनीतिक महत्वाकांक्षाओं के अनुरूप है। दो दिवसीय विचार-विमर्श में ड्रोन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए आवश्यक सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं के बीच नीतिगत प्रोत्साहन और सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया। आईआईटी कानपुर के पास ड्रोन प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में खुद को स्थापित करने के लिए मानव संसाधन और बुनियादी ढांचा है। जो कानपुर डिफेंस कॉरिडोर तक पहुंच और स्टार्टअप्स नेटवर्क के साथ संस्थान इस क्षेत्र में नवाचार और प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए काफी अच्छी स्थिति में है। यह बातें बुधवार को राजदूत सुजान आर चिनॉय ने कही। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआ- ईटी कानपुर) के स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (एस आईआईसी) ने मनोहर पर्रिकर इंस्ट- ट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस (एमपी-आईडीएसए) के सहयोग से दो दिवसीय ड्रोन और स्वायत्त प्रणालियों पर क्षमता मूल्यांकन कार्यशाला का आयोजन किया । कार्यक्रम में सरकारी संगठनों, सशस्त्र बलों, उद्योग और शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों से 44 प्रतिष्ठित उपस्थित लोगों ने भाग लिया, जिससे आईआईटी कानपुर की भारत के अग्रणी एकीकृत ड्रोन प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में स्थिति मजबूत हुई । उद्घाटन सत्र में कई जानी-मानी हस्तियां मौजूद रहीं । जिन्होंने भारत के ड्रोन तकनीक रोडमैप पर गहन चर्चा के लिए मंच तैयार किया। आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने कहा कि भारत का लक्ष्य ड्रोन तकनीक का वैश्विक केंद्र बनना है, जिसके लिए सरकार का मजबूत समर्थन इस विजन को आगे बढ़ा रहा है। प्रमाणन परीक्षण और अनुसंधान एवं विकास इस लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। आईआईटी कानपुर के पास इन प्रयासों को सुविधाजनक बनाने के लिए बुनियादी ढांचा है, जिसमें एक हवाई पट्टी, उड़ान प्रयोगशाला और प्रोटोटाइपिंग सुविधाएं शामिल हैं। जो परिसर में ड्रोन डिजाइन और उत्पादन में मदद कर सकती हैं। आईआईटी कानपुर में पहले से ही कई ड्रोन डिजाइन और निर्मित किए जा चुके हैं, जिनमें से कुछ भारतीय सेना को सौंपे गए हैं और अन्य पाइपलाइन में हैं। हमारा दृढ़ विश्वास है कि इस तरह की चचाएं भारत को ड्रोन तकनीक में अग्रणी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

हर संस्थान में नवाचार और प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए मददगार होगा ड्रोन : राजदूत सुजान आर चिनॉय
हर संस्थान में नवाचार और प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए मददगार होगा ड्रोन : राजदूत सुजान आर चिनॉय