हमें टर्मरिक पिल्स की जरूरत नहीं….

आज कल पूरे विश्व में लोग हल्दी से मिलने वाले फायदों को पाने के लिए टर्मरिक पिल्स का सेवन कर रहे हैं। हल्दी से मिलने वाले फायदों से हम सभी भलीभांति परिचित हैं लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि आज कल बाजार में हल्दी की गोलियां भी मिलती हैं। ये दवाइयां आज कल पूरे विश्व में बहुत ज्यादा प्रचलित हैं और इसे टर्मरिक सप्लीमेंट के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। भारतीय बाजार में भी हल्दी की ये गोलियां उपलब्ध हैं और आप इसे ऑनलाइन भी मंगा सकते हैं। इसे कर्कुमिन सप्लीमेंट के रूप में जाना जाता है। हालांकि भारतीय लोगों को आयरन या कैल्शियम सप्लीमेंट की तरह इस हल्दी सप्लीमेंट को लेने की जरूरत नहीं है क्योंकि अधिकतर भारतीय व्यंजनों में हल्दी पाउडर या कच्ची हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है जिससे आपको जरूरी हल्दी की मात्रा आसानी से मिल जाती है। हल्दी में कर्कुमिन नामक यौगिक पाया जाता है जिसकी एंटी- ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी क्षमताओं के कारण ही हल्दी इतनी ज्यादा फायदेमंद होती है। अगर आप यह जानना चाहते हैं कि एक दिन में हल्दी की कितनी मात्रा उपयोग में लानी चाहिए तो यह बताना थोड़ा मुश्किल है। चूंकि हल्दी की तासीर गर्म होती है इसलिए यह अलग अलग लोगों पर निर्भर करता है की उसके उसे कितनी हल्दी खानी चाहिए। आमतौर पर डिशेज में एक या दो चम्मच हल्दी मिलाना उपयुक्त माना जाता है और इतने से ही आपको इससे मिलने वाले सारे फायदे मिल जाते हैं। पूरे उत्तर भारत में खाने में हल्दी का उपयोग किया जाता है खासतौर पर पंजाब और राजस्थान की अधिकतर कई मशहूर डिशेज में इसका भरपूर उपयोग होता है।

हमें टर्मरिक पिल्स की जरूरत नहीं....
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