गुवाहाटी (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने आज कहा है कि बांग्लादेश में उपद्रवी तत्वों द्वारा प्रयुक्त स्लोगन गुरुवार को सोनापुर में भी संदिग्ध नागरिकों द्वारा देते हुए सुना गया। उन्होंने कहा कि प्रशासन के अधिकारी जब ट्राईबल बेल्ट में स्थित सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने पहुंचे तो संदिग्ध नागरिकों का झुंड बांग्लादेश वाला स्लोगन देते हुए अधिकारियों पर आक्रमण करने लगे । उन्होंने कहा कि बच्चे, बूढ़े, जवान आदि सभी के हाथों में लाठी, दाव आदि देखे गए। वे इतने पर ही शांत नहीं रहे, रेल मार्ग को भी संदिग्ध नागरिकों द्वारा अवरुद्ध किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिक्रमण करने वाले सभी लोग बूढ़ा – बूढ़ी इलाके में रहने वाले भूमि और घरों के स्वामी हैं। दलालों द्वारा उन्हें यहां लाकर बसाया गया। उन्होंने कहा कि दलाल थोड़े से पैसे में ही इन लोगों को लाकर यहां बसा देते हैं। जब संदिग्ध नागरिकों की संख्या 25 हजार तक पहुंच जाती है तो फिर वहां से उन्हें हटाना कठिन हो जाता है। राजनीतिक दल वोट बैंक की राजनीति करते हुए उन्हें वहां से हटाने नहीं देते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार के दलालों को पुलिस चिह्नित कर रही है। उनके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री आज खानापाड़ा स्थित पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय परिसर में निर्माणाधीन पांच हजार लोगों के बैठने की क्षमता वाले सार्वजनिक सभागार के निर्माण स्थल का निरीक्षण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे । मुख्यमंत्री आज खानापाड़ा स्थित पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय परिसर में निर्माणाधीन पांच हजार लोगों के बैठने की क्षमता वाले सार्वजनिक सभागार के निर्माण स्थल का निरीक्षण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे । उन्होंने कहा कि आगामी मार्च तक यह सभागार बनकर तैयार हो जाएगा। इसमें सभी प्रकार की सुविधाएं मौजूद रहेंगी। उन्होंने कहा कि यहां पहुंचने वाले सभी लोगों की गाड़ी पार्क करने की भी यहां व्यवस्था की जा रही है। मुख्यमंत्री ने निरीक्षण करने के बाद चल रहे निर्माणकार्य को लेकर संतोष व्यक्त किया। उधर मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने अतिक्रमणकारियों को उकसाया था, जिन्होंने गुरुवार को गुवाहाटी के बाहरी इलाके सोनापुर में संरक्षित आदिवासी क्षेत्र और ब्लॉक में चलाए गए निष्कासन अभियान के दौरान पुलिस कर्मियों पर हमला किया था। पुलिस को साजिश का संदेह है और इस घटना के सिलसिले में कई लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप दो नागरिकों की मौत हो गई, दोनों बंगाली भाषी मुसलमान थे। 30 से अधिक अन्य लोग, जिनमें ज्यादातर पुलिसकर्मी और एक मजिस्ट्रेट शामिल हैं, घायल हो गए। शर्मा ने बताया कि सोमवार को शुरू हुआ बेदखली अभियान बुधवार तक शांतिपूर्ण ढंग से चला और भूमि अतिक्रमणकारी दरांग और मोरीगांव जिलों में अपने मूल घरों को लौट गए। शर्मा ने मीडिया से कहा कि जब कांग्रेस ने गुरुवार सुबह अभियान का विरोध किया और लोगों को भड़काया, तो उनमें से एक वर्ग उत्तेजित हो गया। उन्होंने धारदार हथियारों से पुलिस पर हमला किया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस को गोली चलानी पड़ी। उन्होंने कांग्रेस की इस बेदखली अभियान का विरोध करने के लिए आलोचना की, जबकि कांग्रेस ने पहले ही एक कानून बना लिया था, जिसके अनुसार केवल आदिवासियों और संरक्षित वर्ग को ही असम के आदिवासी क्षेत्रों और ब्लॉकों में रहने की अनुमति होगी।