नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाया है। इसके बाद कंपनियों की प्लानिंग थी कि आयात शुल्क बढ़ने की आड़ में खाद्य तेलों के खुदरा दाम बढ़ा देंगे। इस आशंका के चलते ये सब होता इससे पहले ही सरकार ने कंपनियों के पूरे प्लान को चौपट कर दिया। सरकार ने कहा कि आयात शुल्क बढ़ाया गया है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है के कंपनिया खुदरा दाम बढ़ाएं। क्योंकि कंपनियों के पास कम शुल्क पर आयातित तेल आसानी से 45-50 दिनों तक का स्टॉक पहले से ही रखा हुआ है। बता दें कि पिछले सप्ताह, केंद्र घरेलू तिलहन कीमतों का समर्थन करने के लिए विभिन्न खाद्य तेलों पर मूल सीमा शुल्क में वृद्धि की थी । इस महीने की 14 तारीख से प्रभावी, कच्चे सोयाबीन तेल, कच्चे पाम तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर मूल्य सीमा शुल्क को शून्य से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे कच्चे तेलों पर प्रभावी शुल्क 27.5 प्रतिशत हो गया है। इसके अतिरिक्त, रिफाइंड पाम तेल, रिफाइंड सूरजमुखी तेल और रिफाइंड सोयाबीन तेल पर मूल सीमा शुल्क 12.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 32.5 प्रतिशत कर दिया गया है ।