सत्येंद्र जैन के खिलाफ आरोप तय करने पर कोर्ट ने आंशिक दलीलें सुनीं, 10 नवंबर को अगली सुनवाई
नई दिल्ली, (हि.स.) । दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आज दिल्ली आबकारी घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपित और दिल्ली स- रकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ आरोप तय करने पर आंशिक दलीलें सुनीं। स्पेशल जज विकास ढल ने 10 नवंबर को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया। आज ईडी ने कहा कि चार्जशीट से जुड़े दस्तावेज की लिस्ट सत्येंद्र जैन के वकील को दे दी गई है। ईडी ने अपनी दलील में कोर्ट को बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच में आय से अधिक संपत्ति का पता चला है। इस स्टेज पर उनका खुलासा नहीं किया जा सकता। ईडी ने कोर्ट को बताया कि छापेमारी के समय पहुंचने और निकलने के दौरान क्या-क्या चीजें जब्त की गई, वह सब रिकॉर्ड पर हैं। सुनवाई दौरान सत्येंद्र जैन के वकील ने कहा कि कोर्ट में दी गई ईडी की लिस्ट पूरी नहीं है। जुलाई, 2022 के बाद मेरे और इस मामले के सह- आरोपियों के बयान दर्ज किए गए थे, जिसकी जानकारी अभी तक एजेंसी ने सत्येंद्र जैन को नहीं दी है।
उन्होंने जुलाई, 2022 के बाद अगर कोई बयान दर्ज नहीं कराया है, तो इसकी भी जानकारी कोर्ट को देनी होगी, क्योंकि ईडी के मुताबिक मामले की जांच अभी जारी है। जैन की ओर से कहा गया कि गवाहों की लिस्ट में योगेश मलिक का नाम है, लेकिन दी गई लिस्ट में योगेश मलिक का नाम नहीं है। आखिरकार ईडी कोर्ट से यह खेल क्यों खेल रही है। जैन की ओर से कहा गया कि एजेंसी ने अगर छापेमारी के दौरान कोई चीज जब्त नहीं की है, तो उस को भी बताना होगा, क्योंकि सत्येंद्र जैन के पुराने आवास से कुछ चीजें गायब हैं। सत्येंद्र जैन ने कोर्ट को बताया कि 2016 में जांच शुरू हुई। पांच साल बाद मेरे खिलाफ केस दर्ज किए गया । आठ बार बयान लिया जा चुका है 105 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान सत्येंद्र जैन की ओर से मामले से जुड़े कुछ दस्तावेज और जब्त इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को देने की मांग की थी। ईडी ने सत्येंद्र जैन की इस मांग का विरोध किया था । इसके पहले 20 सितंबर को राऊज एवेन्यू कोर्ट के प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज सत्येंद्र जैन की ईडी और सीबीआई से जुड़े मामलों को दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग खारिज कर दी थी। प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज अंजु बजाज चांदना ने कहा था कि इस याचिका में कोई मेरिट नहीं है। जैन पर आरोप है कि उन्होंने 2009-10 और 2010-11 में फर्जी कंपनियां बनाई। इन कंपनियों में अकिंचन डवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिट- ेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।