जयपुर ( हिंस)| बंगाली बाबा के आश्रम में आयोजित प्रवचन कार्यक्रम में आंनदम धाम ट्रस्ट के पीठाधीश्वर सद्गुरु डॉ. ऋतेश्वर महाराज जी ने भारतीय संस्कृति, धर्म और शिक्षा को पुनः जीवंत करने के लिए अपने विचार साझा किए। इस दौरान उन्होंने विशेष रूप से सनातन विश्वविद्यालय और गुरुकुलम निर्माण के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह संस्थान हमारी सनातन परंपरा और सांस्कृतिक मूल्यों को आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने के लिए रा एक पहल आवश्यक हैं। सद्गुरु ऋतेश्वर महाराज ने प्रवचन के दौरान कहा कि आज के समय में संतों और आध्यात्मिक गुरुओं का राजनीति से जुड़ाव बेहद आवश्यक है। उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि जब तक संत और ऋषि, समाज और राजनीति के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका नहीं निभाएंगे, तब तक समाज में नैतिकता और सच्चाई की स्थापना कठिन होगी। सद्गुरु जी ने यह भी कहा कि धर्म और राजनीति का गहरा संबंध है, और संतों को समाज कल्याण के लिए राजनीति में योगदान देना चाहिए ताकि देश की नीति प्रजा के लिए लाभकारी हो सके। सनातन विश्वविद्यालय के निर्माण पर बोलते हुए सद्गुरु ने कहा कि यह संस्थान केवल शिक्षा का केंद्र नहीं होगा, बल्कि यह बच्चों को हमारे धर्म और संस्कृति की गहराइयों से अवगत कराएगा। यहां पर बच्चों को 16 संस्कारों की शिक्षा दी जाएगी, जिससे वे न केवल एक अच्छे नागरिक बनेंगे, बल्कि अपनी संस्कृति की रक्षा करने में भी सक्षम होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि गुरुकुलम प्रणाली को पुनः स्थापित करना बेहद जरूरी है, ताकि बच्चे अपने बचपन से ही भारतीय संस्कृति और धर्म का अध्ययन कर सकें और पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव से मुक्त हो सकें। सद्गुरु ऋतेश्वर महाराज ने सभी से आह्वान किया कि वे इस महान कार्य में सहयोग करें। सनातन धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए एकजुट हों। उन्होंने यह भी कहा कि यह परियोजना केवल एक शैक्षिक संस्था की स्थापना नहीं है, बल्कि यह भारतीय सनातन संस्कृति के पुनरुत्थान का एक प्रयास है। कार्यक्रम के अंत में, उन्होंने सभी उपस्थित लोगों से संस्थापक सदस्य बनने की अपील की ताकि सनातन बोर्ड की स्थापना हो सके और अगले 10 वर्षों में भारत में सनातन शिक्षा को मुख्यधारा में लाया जा सके। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भक्तगण, स्थानीय नागरिक और गणमान्य लोग उपस्थित थे।