
झज्जर (हिंस) । बहादुरगढ़ की सबसे बड़ी सनातन धर्म संस्था परोपकारी सभा श्री सनातन धर्म महावीर मंदिरका 64वां तीन दिवसीय वार्षिकसम्मेलन परमपूज्य ब्रह्मलीन श्री 108 स्वामी गुरुचरण दास महाराज की पुण्य स्मृति एवं महंत खुशाल दास महाराज (कलानोर) के पावन सानिध्य एवं छत्रछाया में पूर्णाहुति और ध्वजारोहण के साथ संपन्न हुआ । उत्सव में तीनों दिन मिलकर 1000 से अधिक सनातनी परिवारों की सीधी भागीदारी रही। इस तीन दिवसीय महोत्सव के मुख्य अतिथिकेरूप मेंपधारेप्रसिद्ध समाजसेवी एवं राम भक्त सिकन्दर मान ने दीप प्रज्ज्वलित व संतों का स्वागत कर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।अपने संबोधन में उन्होंने अपने बचपन के स्कूल के दिनों की यादें साझा करते हुए बताया कि उन्होंने इसी मंदिर के परिसर में चलने वाले सनातन धर्म शिक्षा समिति स्कूल में पढ़ाई की। जिससे जीवन में लाभ मिला। सिकंदर मान जी ने अपनी ओर से मंदिर समिति को पाँच लाख एक हजार की धनराशि भी भेंट की व स्कूल में नर्सरी कक्षा बारहवीं कक्षा तक के प्रथम, द्वितीय व तृतीय श्रेणी में पास होने वाले बच्चों को नकद पारितोषिक प्रदान करने की घोषणा की । उन्होंने कहा कि भविष्य में भी यदि मंदिर या स्कूल को किसी भी प्रकार की सहायता की आवश्यकता होगी तो वे सदैव तत्पर रहेंगे जिसका कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने करतल ध्वनि से स्वागत किया। सिकंदर मान ने उपस्थित सभी लोगों को सिद्दीपुर लोवा गांव में उनके द्वारा मनाए जाने वाले 63 वें हनुमान जन्मोत्सव ( 12 अप्रैल) पर देशव्यापी भंडारेमें आने के लिए निमंत्रण भी दिया । मंदिर समिति के प्रधान जगदीश ऐलावाधी, महासचिव तरुण चुघ व अमित दुआने सिकंदर मान को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया व कार्यक्रम में उपस्थित होने पर धन्यवाद किया। कार्यक्रम में बहादुरगढ़ के विधायक राजेश जून भी उपस्थित हुए। जून ने उपस्थित सभी भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि बहादुरगढ़ के विकास में आने वाली सभी समस्याओं के समाधान हेतु हमेशा प्रयासरत रहने का आश्वासन दिया। इस तीन दिवसीय आयोजन में सेवा मूर्ति दिनेश कौशिक, नगर परिषद चेयरपर्सन प्रतिनिधि रमेश राठी, भाजपा नेता बंटी सोलधा, भाजपा नेता व नंबरदार एसोसिएशन के प्रधान सतीश नम्बरदार, लक्की दुआ भी शामिल रहे। इस तीन दिवसीय धार्मिक वार्षिक सम्मेलन में प्रवचन करने वाले वाले संतो में प्रमुख रूप से अक्षरधाम हरि मंदिर फरुखनगर गुरुग्राम के अधिष्ठाता मानसमणि डॉक्टर स्वामी उमानंद, सहारनपुर से आए श्रद्धेय महंत स्वामी राघवेंद्र, वृंदावन से आईव्यास भक्ति प्रिया, बहादुरगढ़से आचार्य युगल किशोर शास्त्री नए प्रवचन और भजन प्रस्तुत किए।
