नीवर ट्रांसप्लांट करवाने के लिए तब एक समान ब्लड ग्रुप का डोनर ोना जरुरी नहीं अगर आप भी लिवर 5 मरीज हैं अगर आपको भी अपने लडग्रुप का डोनर नहीं मिल रहा है अब आप को घबराने की जरूरत हीं, क्योंकि मेडिकल साइंस की स सफलता से लिवर के मरीजों को कायदा होगा जो एक जैसा ब्लडग्रुप ला डोनर न मिलने के कारण दम तोड़ देते थे ।
अब 15 लाख रुपए का खर्च पहले लिवर ट्रांसप्लांट के लिए लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था, लेकिन
अब इस नई तकनीक से डोनर आसानी से मिल जाता है और अब डॉक्टर्स ने अलग-अलग ब्लड ग्रुप के डोनर से भी लिवर के मरीजों को लिवर ट्रांसप्लांट तकनीक का आविष्कार किया है। दिल्ली सरकार के लिवर एवं पित्त विज्ञान संस्थान में हाल ही में दो मरीजों को बेमेल डोनर से लिवर ट्रांसप्लांट किया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आइएलबीएस में लिवर लिए पहले साढ़े ग्यारह ट्रांसप्लांट करवाने
लाख रुपए खर्च करने पड़ते थे, लेकिन इस नई तकनीक के आने के कारण अब साढ़े पंद्रह लाख रुपए खर्च आएगा ।
बेहतर होती है गुणवत्ता आइएलबीएस के मुख्य लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. वी. पामेचा के अनुसार इस तकनीक से पहली बार लिवर ट्रांसप्लांट किया गया है और लिवर ट्रांसप्लांट करने से पहले मरीज
और डोनर के रक्त में भिन्नता देखी जाती है और फिर मशीन की मदद से मरीज के रक्त को साफ किया जाता है और डोनर के रक्त की गुणवत्ता को एक तरह से बेहतर किया जाता है। इसके बाद मरीज को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं
होती।