नई दिल्ली। दुनियाभर में सौर और विंड एनर्जी जैसी नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) की मांग में कमी के चलते अब बैटरी निर्माताओं ने बिजली स्टोरेज पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया है। 2023 में लिथियम बैटरी के बाजार में 1.25 लाख करोड़ रुपए का अनुमान है। 2040 तक 250 लाख करोड़ तक पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। इस बदलाव की वजह से, कंपनियां अब बिजली को सौर और विंड ऊर्जा से स्टोर करने के लिए बैटरियों का निर्माण और उपयोग करने पर काम कर रही हैं। लिथियम बैटरी की कीमतें 2019 से 50न तक कम हो गई है। जिससे यह बिजली स्टोरेज के लिए एक आकर्षक विकल्प बन गई हैं। भारत में भी अब कोयला और अन्य पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों की जगह बैटरी स्टोरेज की तरफ रुझान बढ़ रहा है। जिससे भविष्य में स्थायी ऊर्जा के उपयोग में वृद्धि होना तय है।