राज्य में छठ व्रतियों ने डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य

गुवाहाटी/ विश्वनाथ / रंगिया / होजाई / कोकराझाड़ राज्य के सभी जिलों में श्रद्धालुओं ने छठ महापर्व के तीसरे दिन आज अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया और पूजा-अर्चना की । राज्यभर में लाखों लोगों ने जलाशयों के किनारे भगवान सूर्य आराधना की। गुवाहाटी समेत राज्य के सभी छोटे-बड़े शहरों में स्थानीय जिला प्रशासनों द्वारा व्यापक पैमाने पर छठ पूजा की तैयारियां की गई थीं । ब्रह्मपुत्र नद में एसडीआरएफ की टीम लगातार गस्त लग रही थी। वहीं, एनडीआरएफ को भी तैयार रखा गया था। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सभी जिलों के ट्रैफिक पुलिस विभाग द्वारा दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। वहीं, छठ पूजा आयोजन समितियों द्वारा घाटों पर पर्याप्त रोशनी तथा अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों की व्यवस्था की गई है। ब्रह्मपुत्र समेत राज्य के प्रायः अधिकांश छोटे बड़े जलाशयों पर छठ पूजा का आयोजन हो रहा है । हिन्दुस्थान समाचार के बिश्वनाथ संवाददाता के अनुसार महापर्व छठ की छटा आज जिले के सभी घाटों पर देखने को मिली। सबसे पहले व्रतधारी नंगे पांव हाथ में कलश और श्रद्धालु अपने सिर पर बहंगी लेकर छठ घाट पहुंचे। कलश स्थापना कर चौका पूजन करने के पाश्चात छठी मईया की आराधना में सभी व्रती जुट गए। बिश्वनाथ जिले के सभी घाटों पर व्रती एवं श्रद्धालुओं ने भगवान भास्कर को संध्या अर्घ्य दिया। हालांकि, व्रतियों का 36 घंटा निर्जला व्रत का शुभारंभ खरना के साथ बुधवार की रात्रि से ही ही हो गया था । सभी घाटों पर व्रतियों को पूजा-अर्चना करते हुए मंगल की कामना करते हुए देखा गया। आज दिनभर निर्जला उपवास कर रीति-रिवाज से विविध प्रकार के फल, प्रसाद और घरों में बनाये ठेकुआ – खजूरी, कसार का लड्डु, मिठाई आदि लेकर छठ घाट तक पहुंचे व्रतियों ने पानी में उतरकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया । दीप प्रज्ज्वलित कर छठ व्रतधारी के होठों से पारंपरिक मधुर छठी मईया तथा शारदा सिन्हा द्वारा गाए छठ गीत को गुनगुनाते हुए सुना गया । विश्वनाथ से हमारे संवाददाता के अनुसार लोक आस्था का महापर्व छठ का छटा आज जिले के सभी घाटों में देखने को मिला। सर्वप्रथम व्रतधारी नंगे पाँव हाथ में कलश और श्रद्धालु अपने सिर पर बहंगी लेकर छठ घाट पहुंच कर तथा कलश स्थापना करके चौका पूजन किया । छठ मइया के आराधना में जुट गई। विश्वनाथ जिले के सभी घाटों में व्रतधारी व श्रद्धालु भास्कर को अपना संध्या सूर्य को अर्घ्य देकर अपनी 36 घंटा निर्जला व्रत का शुभारंभ किया 7 सभी घाटों में व्रतधारी ने पूजा-अर्चना करते हुए आगामी दिनों में देश में मंगलमय की कामना की । आज दिनभर निर्जला उपवास कर रीति नीति से विविध प्रकार के ऋतु फल, प्रसाद और घरों में बनाये ठेकुआ – खजूरी, कसार का लड्डु, मिठाई आदि लेकर भक्तों ने घर से छठ घाटे तक टोकरी में को छठ मइया तथा साक्षात प्रकृति के देवता भास्कर को अर्पित किया व्रत करने वाले भक्तगण पानी में उतरकर डूबते सूर्य देवता को पूजा- अर्चना की। दीप प्रज्ज्वलित कर छठ व्रतधारी के होठों से पारंपरिक मधुर छठ मईया तथा शारदा सिन्हा द्वारा गाए छठ गीत को गुनगुनाते हुए देखा गया। विश्वनाथ चारिआलि के पश्चिम चारिआलि छठ पूजा समिति, केंद्रीय श्री श्री छठ पूजा समिति, विश्वनाथ घाट पूजा समिति ने व्रतधारी के लिए विभिन्न सुविधा की व्यवस्था की। इसी प्रकार विश्वनाथ चाराली शहर के आमबाड़ी स्थित केंद्रीय श्री श्री छठ पूजा समिति के तत्वावधान में छठ घाट पर सुंदर तरीके से पंडाल सजाकर समिति द्वारा बृहद रूप व्रत धारी लिए सुविधा प्रदान किया गया। इस मौके पर समिति द्वारा एक सभा को आयोजित किया । होजाई से हमारे संवाददाता के अनुसार आस्था, श्रद्धा, भक्ति व विश्वास का प्रतीक सूर्य षष्ठि महापर्व होजाई में धूमधाम के साथ आज मनाया गया। स्थानीय शिवबाड़ी स्थित सूर्य षष्ठि महोत्सव समिति, नूतन बाजार पोखरी स्थित श्री श्री सूर्य व्रत संचालन समिति के तत्वाधान में आज व्रत धारी श्रद्धालु व उनके परिवार के सदस्य गण उमंग उत्साह के साथ गाजे – बाजे सहित घाट पर पहुंचे एवं आपने पहले से निर्धारित पूजा स्थल पर पूजन सामग्री प्रसाद को अच्छी तरह से रखकर धूप दीप जलाकर भगवान सूर्य के अस्त होने का इंतजार करने लगे सभी माताएं बहने युवा भगवान का नाम मन ही मन ले रहे थे जो ही भगवान भास्कर अस्ताचलगामी हुए श्रद्धालुओं ने अर्घ्य के साथ साथ फल मूल पान सुपारी गन्ना आदि भगवान को समर्पित कर अपना पहला अर्घ्य पूरा किया दोनों घाटों पर तोरण द्वार बिजली की चकाचौंध रोशनी घाटों की शोभा बढ़ा रहे थी । वहीं समितियों द्वारा भगवान सूर्य की प्रतिमा बनाई गई थी जहां भक्तों ने पूजा-अर्चना कर अपने को धन्य समझा। महिलाओं द्वारा गाये जा रहे छठ के गीत माहौल में चार चांद लगा दिया। महापर्व पर कई लोग जल में खड़े अपनी मनौती के पूर्ण होने के लिए प्रार्थना कर रहे थे । वहीं कई महिलाएं पुरुष दंडवत प्राणाम करते हुए घाट पर आते हुए दिखाई पड़े उनके पीछे पीछे उनके परिवार के सदस्य चल रहे थे। बच्चों द्वारा पटाखे फोड़ के खुशी मनाते देखे गए दोनों घाट की पूजा समितियों के सदस्य व्यवस्था बनाने में लगे हुए थे । वहीं स्थानीय शिवबाड़ी स्थित सूर्य षष्ठि महोत्सव समिति के सदस्य विनोद गुप्ता ने बताया कि हर साल सूर्य उपासना का महापर्व छठ हर्षोल्लास के साथ यहां मनाया जाता है। उन्होंने जानकारी दी कि इस बार समिति के सदस्यों ने सुप्रसिद्ध भोजपुरी गायिका शारदा सिन्हा को श्रद्धांजलि अर्पित की व उनकी सद्गति हेतु छठी मैया से प्रार्थना की। कोकराझाड़ से हमारे संवाददाता के अनुसार लोक आस्था का महपर्व एव सूर्य उपासना का महापर्व छठ पर्व के अवसर पर पूरे विश्व के साथ-साथ कोकराझाड़ जिले के सालाकाटी, गोसाइगांव, गुरुफेला, दोतमा, फकीराग्राम सहित जिले के विभिन्न छठ पूजा घाटों में सजाट के साथ छठ पर्व मनाया गया । छठ पूजा समितियों ने इस दौरान छठ पर्व करने वाले व्रतधारियों के लिए सभी तरह की व्यवस्था किया। वहीं सालाकाटी और फकीराग्राम, गोसाईगांव छठ पूजा घाट में पूजा-अर्चना के साथ ही भारी संख्या में श्रद्धालु और आम लोगों की उपस्थिति थी । व्रतधारियों ने डूबते सूर्य को अर्ध्य देकर पूजा- अर्चना की । रंगिया से हमारे संवाददाता के अनुसार धार्मिक आस्था का महापर्व छठपूजा देशभर के साथ-साथ रंगिया के विभिन्न स्थानों में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में वार्ड नं. 3 स्थित पूब रंगिया छट पूजा समिति के तत्वावधान में ( रजक कॉलोनी ) धोबी घाट में भी इसका आयोजन बड़े ही हर्षोल्लास के साथ किया जा रहा है। गत 5 नवंबर, मंगलवार को स्नान ध्यान से प्रारम्भ हुए इस पर्व के आज तीसरे दिन श्रद्धालुओं ने यहां डूबते हुए सूरज को संध्याकालीन ( प्रथम डाला) अर्घ्य अर्पित किया। इस मौके पर छट पूजा घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली । श्रद्धालुओ ने अपने परिजनों के साथ पूजाघाट पर पहुंचकर पूजा-अर्चना की और भक्तिभाव के साथ भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया । आज आयोजित कार्यक्रम के अंतर्गत सांध्यकालीन अर्घ्य के बाद संध्या 7 बजे से नव जागरण दल द्वारा नगाड़ा नाम परिवेशन किया गया। जिसमें नलबाड़ी, 4 नंबर बालीतारा की जानी मानी पाठिका वर्षा दास ने नगाड़ा नाम परिवेशन कर सभी का मन मोह लिया। मालुम हो कि समिति की ओर से घाट पर श्रद्धालुओं के लिए पूजा-अर्चना की समुचित व्यवस्था के साथ सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। समिति के उपाध्यक्ष गौतम रजक और रसमय दास, सचिव जतीन वैश्य और अशोक रजक (बाबू), सह सचिव रोहित रजक, संजीव मण्डल और अशोक रजक, कोषाध्यक्ष कमल रजक द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार 8 सितंबर, शुक्रवार को उगते हुए सूर्य को प्रातः कालीन अर्घ्य (पारण) और प्रसाद वितरण के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व सम्पन्न होगा।

राज्य में छठ व्रतियों ने डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य
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