यूपीआई दुनिया के लिए उदाहरण, रजनीश कुमार बोले- कश्मीर में 80,000 करोड़ के निवेश का अनुमान
नई दिल्ली।
जम्मू-कश्मीर में उभरते उद्योग तथा वित्तीय परिदृश्य पर मास्टर कार्ड व भारत पे के चेयरमैन व एसबीआई के पूर्व चेयरमैन रजनीश कुमार ने रोशनी डाली। इस संस्था ने बहुत बड़ा माइलस्टोन अचीव किया है।
सिलिकन वैली में भारतीयों का दबदबा - रजनीश कुमार - भारत में डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में टेक की भूमिका पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि टेक के क्षेत्र में हमने जो हासिल किया उस पर हमें गर्व करना चाहिए। भारत के यूपीआई को पूरे विश्व उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है। ये हमारे लिए उपलब्धि है। दुनिया की बड़ी कंपनियों के सीईओ भारत से है। सिलिकॉन वैली में भारतीयों का दबदबा है। उसकी का फायदा हमारे देश को मिला । । इससे भारत का आत्मविश्वास बढ़ा है। देश के आर्थिक विकास में तकनीक का बड़ा रोल है। इससे अर्थव्यवस्था की उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलती है। खेती के क्षेत्र में भी एग्रीटेक की दिशा में काम हो रहा है। सभी क्षेत्रों में i बेहतर तकनीक पर काम हो रहा है।
देश की आर्थिक प्रगति के साथ प्रति i व्यक्ति आय बढ़ानी भी जरूरी - हमारी i अर्थव्यवस्था तीन ट्रिलियन डॉलर से अधिक है पर प्रति व्यक्ति आय के मामले में हम बहुत पीछे हैं । इस मामले में बहुत काम बाकी है। स्वर्णिम शताब्दी का लक्ष्य तब हासिल होगा जब अर्थव्यवस्था भी बढ़ेगी और प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ेगी। आज कोई भी सरकार तकनीक को इग्नोर नहीं कर सकती है। बिना तकनीक के पीएमजेडीवाई की सफलता संभव नहीं थी । इसमें आधार ने भी अहम भूमिका निभाई। आम आदमी को बैंकिंग क्षेत्र से जोड़ना एक बड़ी उपलब्धि है। डीबीटी की शुरुआत से देश में एक बड़ा बदलाव आया । यह बैकिंग सिस्टम में तकनीक के इस्तेमाल से संभव हो पाया।
कश्मीर के आर्थिक विकास के लिए लॉ एंड आर्डर का मजबूत होना जरूरी - कहीं भी तरक्की के लिए पहली लॉ एंड ऑर्डर और शांति की जरूरत है। अगर शांति नहीं होगी तो कैपिटल जो लगा रहे हैं वह वेस्ट होगा। अब जम्मू-कश्मीर में शांति का माहौल बन रहा है। शांति के माहौल में जम्मू-कश्मीर पूंजी को आकर्षित कर रहा है। 80000 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था भी बढ़ेगी और रोजगार भी बढ़ेगा। अभी जम्मू कश्मीर की प्रति व्यक्ति आय कम है । यहां सालाना 1,30,000 के करीब प्रति व्यक्ति आय है । इसे बढ़ाने के लिए शांति की स्थापना जरूरी है। पूंजीपति को चाहिए कि जहां वह पैसा लगाए वह सुरक्षित रहे । इसलिए किसी जगह पर विकास के लिए शांति की स्थापना जरूरी है ।
स्टार्टअप्स पर ये बोले मास्टरकार्ड इंडिया के चेयरमैन - स्टार्टअप पर बोलते हुए मास्टरकार्ड इंडिया के चेयरमेन ने कहा कि आप जब कुछ शुरू करना चाहते हैं तो आपको सभी पहलुओं पर विचार करना चाहिए । रिस्क पर भी विचार होना चाहिए। हमारे देश में अब स्टार्टअप का इकोसिस्टम बन रहा है। स्टार्टअप के लिए देश में तकनीक उपलब्ध है। यहां अंतरराष्ट्रीय पूंजी उपलब्ध है। भारत का मार्केट बड़ा है। यहां के लोग बहुत सक्षम हैं। भारतीय स्टार्टअप में विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी बीते एक दो वर्षों में कम होने के बाद दोबारा बढ़ी है। परंपरागत कारोबार जिन जरूरतों को पूरा नहीं कर पाए हैं उन्हें अपने आइडियाज के जरिए पूरा करना ही स्टार्टअप्स का लक्ष्य है । देश में सबसे अधिक फिनटेक स्टार्टअप शुरू हो रहे हैं । इन स्टार्टअप्स ने सिस्टम के गैप को कम किया है।
कौन हैं रजनीश कुमार - कभी देश में प्राइवेट सेक्टर का पांचवा सबसे बड़ा बैंक रहे यस बैंक पर जब भारी संकट आया उस समय उसे उबारकर सही ट्रैक पर लाने की जिम्मेदारी रजनीश कुमार को दी गई थी और उन्होंने इस काम को बखूबी अंजाम दिया था। उसके बाद वे दुनिया के सबसे बड़े पेमेंट प्रोसेसिंग नेटवर्क में से एक मास्टरकार्ड से जुड़े। रजनीश कुमार फिलहाल को मास्टरकार्ड इंडिया के चेयरमैन की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं ।
बैंकिंग के क्षेत्र में 40 वर्षों का है अनुभव- रजनीश कुमार देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के चेयरमैन की भी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। गौरतलब है कि रजनीश कुमार अक्टूबर 2017 से लेकर अक्टूबर 2022 तक भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन के रूप में कार्यरत थे। रजनीश कुमार के पास क्रेडिट, प्रोजेक्ट फाइनेंस, फॉरेन एक्सचेंज और रिटेल बैंकिंग संभालने का 40 सालों का अनुभव है। रजनीश कुमान एसबीआई के लिए न केवल भारत में बल्कि ब्रिटेन और कनाडा जैसे देशों में भी लीडरशिप रोल में रहे हैं। एसबीआई के योनो प्लेटफॉर्म की शुरुआत उन्हीं के कार्यकाल में हुए थे । घूमने के शौकीन रजनीश कुमार बैडमिंटन के भी अच्छे खिलाड़ी हैं। 1958 जन्मे रजनीश कुमार 1980 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में प्रोबेशनरी ऑफिसर के तौर पर जुड़े थे। इसके बाद अपने लंबे करियर में रजनीश कुमार ने डिप्टी जनरल मैनेजर पुणे जोन, जनरल मैनेजर मुंबई, रीजनल हेड एसबीआई (यूके), चीफ जनरल मैनेजर, नॉर्थ ईस्ट सर्कल और चीफ जनरल मैनेजर प्रोजेक्ट फाइनैंस जैसे अहम पदों पर काम किया।