शिलांग | मेघालय शिक्षा समिति के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधि मंडल ने मेघालय के माननीय राज्यपाल सीएच विजयशंकर से राजभवन, शिलांग में भेंट की । इस प्रतिनिधि मंडल में विद्या भारती पूर्वोत्तर क्षेत्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री डॉ. पवन तिवारी, मेघालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष रिनोमो सुन्गोह, और समिति के मंत्री प्रो. सौमेन चक्रवर्ती शामिल थे । प्रतिनिधियों ने राज्यपाल के साथ अपनी इस महत्वपूर्ण मुलाकात के दौरान, विद्या भारती और मेघालय शिक्षा समिति द्वारा राज्य में किए जा रहे शैक्षिक कार्यों और गतिविधियों की विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने राज्यपाल को अवगत कराया कि विद्या भारती, भारत की सबसे बड़ी शैक्षिक संस्था के रूप में कार्य करते हुए 12 हजार से अधिक औपचारिक विद्यालय, 8 हजार से अधिक एकल संस्कार केंद्र, 54 महाविद्यालय सहित 2 विश्वविद्यालयों का संचालन कर रही है, इसके साथ ही मेघालय के ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षा का प्रचार-प्रसार कर रही है। मेघालय शिक्षा समिति, जो 2008 में स्थापित हुई थी, राज्य के खासी, जयंतिया और गारो हिल्स क्षेत्रों में 10 औपचारिक विद्यालयों और 15 एकल विद्यालयों का संचालन कर रही है, जिनमें 100 से अधिक आचार्य और 1500 से अधिक छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। प्रतिनिधियों ने बताया कि मेघालय शिक्षा समिति का उद्देश्य केवल शैक्षिक उत्कृष्टता ही नहीं, बल्कि छात्रों के नैतिक और सांस्कृतिक विकास पर भी जोर देना है। राज्य में संचालित औपचारिक और अनौपचारिक विद्यालयों के माध्यम से बच्चों को निःशुल्क गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है, जिससे राज्य के युवा शिक्षित और संस्कारित बन सकें। राज्यपाल श्री सी एच विजयशंकर ने मेघालय शिक्षा समिति द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की और कहा कि राज्य के दुर्गम और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का प्रसार अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने समिति के प्रयासों को राज्य की शैक्षिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान बताया और आश्वासन दिया कि राज्य सरकार ऐसे प्रयासों को हर संभव