मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत मुद्रास्फीति की एक और लहर का जोखिम नहीं उठा सकता है। वर्तमान में सबसे अच्छा तरीका लचीला रहना होगा। केंद्रीय बैंक के लक्ष्य के साथ मुद्रास्फीति के स्थायी रूप से सही होने की स्थिति का इंतजार करना होगा। महीने की शुरआत में हुई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक का ब्योरा देते हुए दास ने कहा कि मौद्रिक नीति केवल मूल्य स्थिरता बनाए रखने से ही स्थायी विकास का समर्थन कर सकती है। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने बेंचमार्क ब्याज दर को 6.5 फीसदी पर बनाए रखने का फैसला किया है, जो लगातार दसवीं बार है जब एमपीसी ने दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। हालांकि, समिति ने अपनी स्थिति समायोजन की वापसी से तटस्थ में बदल दी है। एमपीसी की बैठक के ब्योरे के अनुसार दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था स्थिरता और ताकत की तस्वीर प्रस्तुत करती है और मुद्रास्फीति और विकास के बीच संतुलन अच्छी तरह से स्थापित है। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति में निकट अवधि में बढ़ोतरी के बावजूद, साल के अंत में और अगले साल की शुरुआत में हेडलाइन मुद्रास्फीति का दृष्टिकोण 4 प्रतिशत लक्ष्य के साथ आगे बढ़ने की ओर इशारा करता है।