लखनऊ (हिंस)। उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। इसमें दोनों ओर से निशाना साधे जा रहे हैं, जिससे यह सियासी लड़ाई दिलचस्प हो गई है। गुरुवार को प्रभु श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या में जब मुख्यमंत्री योगी जनसभा को संबोधित करते हुए सपा अध्यक्ष पर तीक्ष्ण व्यंग्य कस रहे थे तो वहीं उस वक्त लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी भाजपा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज हुए बयान दे रहे थे । अयोध्या में मुख्यमंत्री योगी के बयान पर जुबानी काउंटर अटैक करते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि हमारे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मठाधीश मुख्यमंत्री है । मठाधीश मुख्यमंत्री से उम्मीद क्या करेंगे आप? बीजेपी जब से लोकसभा चुनाव हारी है तब से संतुलन बिगड़ा हुआ है। उन्होंने ( मुख्यमंत्री ) कहा सपा और कांग्रेस भस्मासुर है, भस्मासुर दो नहीं हो सकते हैं। बीजेपी अपने (हार के जिम्मेदार) भस्मासुर को ढूंढ़ रही है। यह बातें सपा अध्यक्ष ने पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कही। उन्होंने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि मेरठ में मकान हादसे पीड़ितों की मदद के नाम पर भी सरकार में भेदभाव हुआ है, कम से कम सरकार को गरीब के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए । समाजवादी पार्टी की मांग है कि सरकार को पीड़ितों को 10 लाख रुपयों की मदद करनी चाहिए। सपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में जानवरों की समस्या से निपटने के लिए बुलडोजरी सोच से उभरना होगा । उन्होंने बहराइच में भेड़ियों के आतंक को लेकर योगी सरकार पर तंज कसा और कहा कि इन भेड़ियों को नहीं पकड़ पा रहे हैं तो ठोको नीति के तहत एसटीएफ को जिम्मेदारी दे दीजिए। अखिलेश ने कहा कि गोरखपुर में खुद, जो मुख्यमंत्री का जिला है, वहां लोग महीनों से परेशान हैं बाढ़ के कारण। दरअसल ये भाजपाई रिपोर्ट है जो तैयार हुई है, वन नेशन वन इलेक्शन और वन डोनेशन । जो क्रोध करेगा वो योगी नहीं हो सकता, इसलिए मठाधीश मुख्यमंत्री हैं ये ।