मानहानि प्रकरण में पूर्व सीएम गहलोत की रिवीजन खारिज
जयपुर (हिंस) । दिल्ली की विशेष अदालत ने संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले को लेकर केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह व उनके परिजनों के खिलाफ बयानबाजी के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की रिवीजन याचिका को खारिज कर दिया है। गहलोत की ओर से रिवीजन याचिका में निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें निचली अदालत ने समन जारी कर तलब किया था । अपीलीय अदालत ने अपने आदेश में माना की एसीएमएम कोर्ट का प्रकरण में समन जारी करने का गत 6 जुलाई का आदेश सही था और उसमें किसी तरह की कानूनी त्रुटि नहीं है। विशेष कोर्ट ने गत दिनों मामले में पक्षकारों की बहस पूरी होने के बाद फैसला बाद में देना तय किया था। इस मामले में विशेष कोर्ट ने पूर्व में गहलोत की रिवीजन पर मानहानि केस में सुनवाई कर रही निचली कोर्ट को कहा था कि वह समन जारी करने पर बहस जारी रख सकती है, लेकिन कोई अंतिम आदेश पारित नहीं करे। मामले में गहलोत की ओर से कोर्ट से आग्रह किया था कि निचली कोर्ट के मामले में आरोप तय करने पर रोक लगाई जाए। इसके साथ ही कहा था कि यदि निचली कोर्ट आरोप तय कर देगी तो मौजूदा रिवीजन पिटिशन सारहीन हो जाएगी। गौरतलब है कि गजेंद्र सिंह ने मानहानि परिवाद दायर कर कहा है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री ने प्रकरण में उनके व उनके परिजनों के खिलाफ मानहानिकारक बयानबाजी की है। परिवाद पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत ने गहलोत को समन जारी कर तलब किया था । इसके खिलाफ रिवीजन याचिका पेश कर गहलोत की ओर से कहा गया था कि उन्होंने बतौर गृह मंत्री एसओजी की जांच के आधार पर बयान दिया था।