शिलांग । पूर्वोत्तर क्षेत्र के छात्र संगठनों के एक छत्र संगठन नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स यूनियन (एनईएसओ) ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मणिपुर में जारी हिंसा को समाप्त करने के लिए हस्तक्षेप करने की अपील की। एनईएसओ के अध्यक्ष सैमुअल जिर्वा ने कहा कि संघर्ष को सुलझाने में विफलता न केवल मणिपुर की स्थिरता को कमजोर करती है, बल्कि पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र की व्यापक शांति और सुरक्षा लिए भी खतरा पैदा करती है। सैमुअल जिर्वा ने आगे कहा, कि एनईएसओ ने बार-बार भारत सरकार और माननीय प्रधानमंत्री से इस मामले में निर्णायक रूप से हस्तक्षेप करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री की चुप्पी ने संकट को और बढ़ाने का ही काम किया है। एनईएसओ के अनुसार, मजबूत, समय पर नेतृत्व और हस्तक्षेप की अनुपस्थिति ने संघर्ष को और बढ़ने दिया है, जिससे लोगों की तरफ से झेली जा रही हिंसा और पीड़ा और बढ़ गई है। जिर्वा ने कहा कि एक छात्र संगठन के रूप में एनईएसओ ने लगातार इस संकट के शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि रचनात्मक संवाद ही आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका है, जहां सभी व्यक्तियों के अधिकारों, आकांक्षाओं और सम्मान का सम्मान किया जाता है और उसे बरकरार रखा जाता है। उन्होंने कहा कि मणिपुर के लोग शांति के हकदार हैं और यह केवल आपसी समझ और अहिंसा के प्रति प्रतिबद्धता के माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकता है । जिर्वा ने आगे कहा कि एनईएसओ का मानना है कि हिंसा कभी भी किसी भी संघर्ष का समाधान नहीं हो सकती है और हम सभी समुदायों और हितधारकों से संवाद को अपनाने और शांति बहाल करने की दिशा में मिलकर काम करने का आह्वान करते हैं और सरकार को आश्वस्त करना चाहते हैं कि एनईएसओ मौजूदा संकट को हल करने और मणिपुर के लिए एक स्थिर, सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने के लिए किसी भी रचनात्मक प्रयास में सहायता करने के लिए तैयार है।