भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में अपनी मौद्रिक नीति पर चर्चा करते हुए ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं की। अगले वर्ष तक रेपो रेट 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रहेगी, जबकि कैश रिजर्व रेशियो 0.50 फीसदी कम किया गया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने महंगाई से राहत दिलाने को अपनी प्राथमिकता बताई है। महंगाई दर 14 महीने के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गई है और इसके कारण रिजर्व बैंक की टारगेट रेंज को 2 से 6 फीसदी में रखने का प्रयास किया जा रहा है। महंगाई दर की इस बढ़ोतरी के बावजूद, गवर्नर शक्तिकांत दास अभी भी ब्याज दरों में कटौती करने के अनुकूल नहीं हैं। इसके साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के नक्शेकदम पर चलते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास का रुख दिखाई दे रहा है। रघुराम राजन ने भी अत्यधिक महंगाई के समय ब्याज दरों को बढ़ाया था, अगर भी सरकार चाहे तो वे कदम नहीं उठा पाए थे। वित्त और उद्योग मंत्रियों ने भी ब्याज दरें कम करने की मांग की है ताकि व्यापारियों को विस्तार और कैपेसिटी बढ़ाने के लिए सस्ता पैसा मिल सके । इस सभी चर्चाओं के बीच, अभी तक कोई निर्णय सुनिश्चित नहीं हुआ है की ब्याज दरों में कटौती होगी या नहीं।