भारतीय ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री का राजस्व बढ़ सकता है 8-10 प्रतिशत तक

भारतीय ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री का राजस्व बढ़ सकता है 8-10 प्रतिशत तक
भारतीय ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री का राजस्व बढ़ सकता है 8-10 प्रतिशत तक

नई दिल्ली। भारतीय ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री का राजस्व वित्त वर्ष 2025-26 में 8-10 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। आईसीआरए की रिपोर्ट के अनुसार, परिचालन मार्जिन 11-12 प्रतिशत के सीमित दायरे में बना रह सकता है। इस वृद्धि का प्रमुख कारण ऑपरेटिंग लिवरेज, प्रति वाहन बढ़ता कंटेंट और वैल्यू एडिशन होगा। हालांकि, कमोडिटी की कीमतों और विदेशी मुद्रा दरों में उतार-चढ़ाव से उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। लाल सागर मार्ग में व्यवधान के कारण समुद्री माल ढुलाई दरों में 2023 की तुलना में 2024 में दो से तीन गुना वृद्धि हुई है। यदि यह बढ़ोतरी जारी रही, तो उन ऑटो कंपोनेंट सप्लायरों पर प्रभाव पड़ेगा, जिनका आयात-निर्यात अधिक है। आईसीआरए का अनुमान है कि ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री 2025-26 में 25-30 हजार करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय करेगी, जिसमें क्षमता विस्तार, स्थानीयकरण और ईवी टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन शामिल हैं।

भारतीय ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री का राजस्व बढ़ सकता है 8-10 प्रतिशत तक
भारतीय ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री का राजस्व बढ़ सकता है 8-10 प्रतिशत तक
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