स्वीडन की दूरसंचार उपकरण विनिर्माता कंपनी एरिक्सन का कहना है कि भारत में अंतिम उपयोगकर्ता तक डेटा खपत बढ़ने से उसकी वृद्धि का अगला चरण नेटवर्क सघनीकरण ( नेटवर्क डेंसिफिकेशन) से आगे बढेगा। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही है। एरिक्सन के भारत में प्रबंध निदेशक और दक्षिण-पूर्व एशिया, ओसियाना • और भारतीय बाजार क्षेत्र के लिए एक अधिकारी ने बताया कि भारत में फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस में वृद्धि की महत्वपूर्ण संभावना है, और तैनाती की संख्या के मामले में यह जल्द ही अमेरिका के आंकड़े को पार कर जाएगी। अधिकारी ने कहा कि वृद्धि का अगला चरण मुख्य रूप से नेटवर्क उपयोग को बढ़ाने के लिए नेटवर्क सघनीकरण के माध्यम से बढ़ती ट्रैफिक’ जरूरतों को पूरा करने पर केंद्रित है। नेटवर्क का इस्तेमाल बढ़ने से नेटवर्क सघन होता है। नेटवर्क सघनीकरण नेटवर्क में नोड्स का घनत्व बढ़ाने की प्रक्रिया है, जिससे क्षमता, कवरेज सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होता है। एरिक्सन का अनुमान है कि भारत में डेटा ट्रैफिक 2029 तक प्रति स्मार्टफोन उपयोगकर्ता प्रतिमाह 29 जीबी से बढ़कर 68 जीबी तक पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि यह रुख जारी रहता है तो सेवाप्रदाता उपयोगकर्ताओं के अनुभव को बढ़ाने के लिए नेटवर्क को सघन करेंगे। भारत में 2022 की दूसरी छमाही और 2023 की शुरुआत में 5जी की तेजी से शुरुआत की वजह से एरिक्सन और अन्य दूरसंचार उपकरण विनिर्माताओं के कारोबार में काफी तेजी आई थी। हालांकि, अब उनके कारोबार की रफ्तार धीमी हुई है। एरिक्सन ने दक्षिण-पूर्व एशिया, ओसियाना और भारतीय क्षेत्र में सितंबर, 2024 की तीसरी तिमाही के लिए कारोबार में सालाना आधार पर में 44 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है।