नई दिल्ली। न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में हार के बाद भारतीय टीम के लिए अब पुणे में होने वाला दूसरा टेस्ट मैच करो या मरो का हो गया है। 24 अक्टूबर से होने वाले इस मैच में मेजबान टीम को हर हाल में जीत हासिल करनी होगी, ताकि सीरीज जीतने की उम्मीदें जीवित रहें और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल की रेस में बने रहें । इस बार भारत ने काली मिट्टी की पिच तैयार कराई है, जिस पर घास का नामोनिशान नहीं है। यह पिच न केवल ज्यादा टर्न देने वाली है, बल्कि उछाल भी कम होगी। ऐसे में स्पिनर अपनी फिरकी से बल्लेबाजों को नचाने का पूरा अवसर पाएंगे। यह बदलाव बेंगलुरू में मिली हार के मद्देनजर किया गया है, जहां भारत महज 46 रन पर ढेर हो गया था और न्यूजीलैंड ने 8 विकेट से जीत दर्ज की थी। पहले मैच में हार के बाद, भारतीय टीम ने अपनी गेंदबाजी को मजबूत करने के लिए वाशिंगटन सुंदर को शामिल किया है। अब यह संभावना है कि भारत पुणे टेस्ट में तीन स्पिनरों और दो तेज गेंदबाजों के साथ उतरेगा। बेंगलुरू टेस्ट में भारत ने तीन तेज और दो स्पिनरों का संयोजन अपनाया था, लेकिन इस बार स्पिन गेंदबाजी को प्राथमिकता दी जा रही है। भारतीय टीम के लिए यह मैच जीतना बेहद जरूरी है। न्यूजीलैंड के खिलाफ उनकी पुरानी ताकत, यानी स्पिनरों की क्षमता, एक बार फिर देखने को मिलेगी। अगर भारत इस मैच में अच्छा प्रदर्शन करता है, तो यह न केवल सीरीज में वापसी का एक अवसर होगा, बल्कि वर्लड टेस्ट चैंपियनशिप में भी उनकी संभावनाएं कायम रखेगा। इस प्रकार, पुणे टेस्ट मैच में भारतीय टीम की रणनीति स्पष्ट है: अपनी स्पिन गेंदबाजी का लाभ उठाकर विरोधी बल्लेबाजों को दबाव में डालना और जीत के साथ सीरीज में अपनी स्थिति मजबूत करना ।