रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि भारत में कम से कम 7.5 फीसदी की वृद्धि की संभावना है। वह सिंगापुर में ब्रेटन वुड्स कमेटी द्वारा आयोजित ‘फ्यूचर ऑफ फाइनेंस फोरम 2024’ को संबोधित कर रहे थे। शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत का वृद्धि परिदृश्य देश के वृहद आर्थिक बुनियाद की मजबूती को बताता है। उन्होंने कहा कि इसमें निजी उपभोग और निवेश जैसे घरेलू तत्व प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। आरबीआई गवर्नर का यह अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक के चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 7.2 फीसदी की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान से थोड़ा ऊपर है। हालांकि, दास ने मुद्रास्फीति में गिरावट के बावजूद फिलहाल ब्याज दरों में कटौती से इनकार किया। उन्होंने ब्रेटन वुड्स कमेटी के वार्षिक फ्यूचर ऑफ फाइनेंस फोरम 2024 को संबोधित करते हुए कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि को वृहत आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के माहौल का समर्थन है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मुझे लगता है कि भारत की संभावित वृद्धि… लगभग साढ़े सात फीसदी से अधिक है। दास ने दुनिया को बढ़ते वैश्विक कर्ज के बारे में आगाह किया है, जो 2024 वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 333 फीसदी के बराबर 315 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ गया है। आरबीआई गवर्नर ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में बढ़ रही चुनौतियों के लिए सामूहिक प्रयास का आह्वान किया। शक्तिकांत दास ने साझा वैश्विक मुद्दों से निपटने के लिए बहुपक्षीय विकास बैंकों को मजबूत करने की वकालत की। साथ ही उन्होंने सतत आर्थिक विकास और वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने में अंतरराष्ट्रीय सहयोग के महत्व को भी रेखांकित किया । दास ने राष्ट्रों से सभी के लिए एकीकृत भविष्य की दिशा में काम करने का आग्रह किया ।