
नई दिल्ली
आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने भारत और कतर के बीच संभावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर ध्यान दिलाते हुए कहा है कि पेट्रोरसायन क्षेत्र में सावधानी बरतने की आवश्यकता है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हम्माद अल-सानी ने जारी संयुक्त बयान के माध्यम से द्विपक्षीय व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) में प्रवेश करने के लिए तैयारी दिखाई है ।
इसमें उन्होंने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का मकसद रखा है। जीटीआरआई के एक अधिकारी ने बताया कि भारत को पेट्रोरसायन और ऊर्जा आयात पर शुल्क रियायतों के संरक्षण का ध्यान देना चाहिए ताकि देश के घरेलू उद्योगों को कोई नुकसान ना हो। उन्होंने सावधानी बरतने की सलाह दी और व्यापार समझौते के प्राथद्वकितक शर्तों के मूल्यांकन की मांग की।
इस संदर्भ में, भारत के व्यापार संरचना को ध्यान में रखते हुए एक सावधानीपूर्वक मूल्यांकन की आवश्यकता है। वित्त वर्ष 2023-24 में कतर से भारत का आयात 12.34 अरब डॉलर था, जिसे इसके निर्यात के साथ संतुलित करने की आवश्यकता है।सीईपीए के माध्यम से दोनों देशोंके बीच एक मुक्त व्यापार समझौता स्थापित करने का उद्देश्य है जो दोनों बीच आर्थिक साझेदारी को मजबूती प्रदान करेगा। यह एक सकारात्मक कदम है जो व्यापार और आर्थिक उद्धारण में मदद करेगा ।
