भारत 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य में पिछड़ सकता है: रिपोर्ट

भारत 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य में पिछड़ सकता है: रिपोर्ट
भारत 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य में पिछड़ सकता है: रिपोर्ट

नई दिल्ली। भारत ने 2030 तक 500 गीगावाट (जीडब्ल्यू) नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता प्राप्ति को लक्ष्य बनाया है, लेकिन एक रिपोर्ट के अनुसार, इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत को 2032 तक 300 अरब अमेरिकी डॉलर के संचयी निवेश करने की आवश्यकता है। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि वित्तपोषण की दर को 20 प्रतिशत तक बढ़ाने का आवश्यक होगा अन्यथा यह उद्देश्य पूरा नहीं हो सकता। रिपोर्ट ने उल्लेख किया है कि फर्म एंड डिस्पैचेबल रिन्यूएबल एनर्जी (एफडीआरई) परियोजनाओं की शुरुआत में देरी और अनिश्चितताओं के कारण पूंजी की लागत 400 आधार अंकों तक बढ़ सकती है। इससे भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य को हासिल करने में दिक्कतें आ सकती हैं। ग्रिड कनेक्टिविटी के मामले में भी देरी और पीपीए पर हस्ताक्षर में विलंब के कारण परेशानियां हो रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार यह सभी कारक वित्तपोषण की लागत में वृद्धि के कारण भारत के ऊर्जा लक्ष्य को हासिल करने में पीछे ले जा सकते हैं। एक विश्लेषक ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए सही वित्तपोषण जोखिमों को समझने में महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि केवल नवीकरणीय ऊर्जा में जोखिम देखने वाले कारकों के प्रति सजग रहने से ही भारत अपने लक्ष्यों को पूरा कर सकेगा।

भारत 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य में पिछड़ सकता है: रिपोर्ट
भारत 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य में पिछड़ सकता है: रिपोर्ट