इटानगर | अरुणाचल प्रदेश सरकार ने शिक्षा विभाग औपचारिकताएं पूर्ण किए बिना संबंधित अधिकारियों के समक्ष फर्जी नियुक्ति पत्र पेश करने के आरोप में 256 शिक्षकों, क्लर्कों और सहायक कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर | राज्य शिक्षा आयुक्त अमजद टाक ने विभिन्न जिलों में तैनात कर्मचारियों की सेवा समाप्ति के अलग-अलग आदेश जारी किए हैं। अधिकारियों ने बताया कि अनियमितताओं का पता लगाने के लिए समिति का गठन किया गया था। जांच में सामने आया कि प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने इस प्रकार के नियुक्ति पत्र जारी ही नहीं किए थे। अमजद टाक ने कहा कि सभी अवैध नियुक्तियां विभिन्न अधिकारियों ने की थी और जांच जारी है। अब तक अनियमितताओं में शामिल होने के आरोप में लोंगडिंग जिले के माध्यय शिक्षा निदेशक को निलंबित कर दिया गया है। अनियमितताओं का पता लगाने के आदेशों से पता चला कि बड़ी संख्या में प्राथमिक शिक्षक (पीआरटी), प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक ( टीजीटी), उच्च और निम्न श्रेणी के क्लर्क (यूडीसी और एलडीसी) और मल्टी-टास्किंग स्टाफ (एमटीएस) ने नियुक्ति आदेश प्रस्तुत करके अपनी स्थिति सुरक्षित कर ली थी। बाद में पता चला कि यह धोखाधड़ी थी । आदेशों के अनुसार, सियांग जिले में 101 व्यक्तियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। इसके बाद चांगलांग में 72, अंजॉ में 26, पूर्वी सियांग में 18, लोंगडिंग में 10, ऊपरी सुबनसिरी में आठ, कुरुंग कुमेय में छह, लोहित और निचले में चार-चार लोगों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। साथ ही सियांग राज्य राजधानी क्षेत्र में तीन, तिरप में दो, पश्चिम सियांग में एक और ऊपरी सियांग जिले में माध्यमिक शिक्षा के उप निदेशक के अधीन काम करने वाला एक कर्मचारी भी शामिल है। मामले में संलिप्त सभी लोगों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री पेमा खांडू पहले ही मामले को राज्य पुलिस की विशेष जांच टीम को सौंपने का आदेश दे चुके हैं। शिक्षा विभाग ने भी संबंधित अधिकारियों को फर्जीवाड़े और फर्जी नियुक्त आदेश के संबंध में मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।