भाजपा के साथ चुनाव लड़ने के बाद पाला बदल लेंगे नीतीश कुमार

पटना। बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव है। भाजपा ने पहले ही एलान कर चुकी है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए चुनाव लड़ेगी। अब चुनाव रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने बुधवार को बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बिहार में चुनाव तो भाजपा के साथ लड़ेंगे, लेकिन बाद में वह पाला बदल सकते हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार इतने अलोकप्रिय हो चुके हैं कि वे लगातार पांचवीं बार मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे, चाहे वे किसी भी गठबंधन में शामिल क्यों न हों ? पश्चिम चंपारण में एक संवाददाता सम्मेलन में जन सुराज पार्टी के संस्थापक किशोर ने कहा कि नवंबर में चुनाव समाप्त होने के बाद सिवाय नीतीश कुमार के कोई भी मुख्यमंत्री बन सकता है । आप इसे लिखित में ले सकते हैं। अगर मैं गलत साबित हुआ, तो मैं अपना राजनीतिक अभियान छोड़ दूंगा। प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के भाजपा के साथ संबंध को लेकर कहा कि वे भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने हमेशा ऐसा किया है, 2015 को छोड़कर, जब मैंने उनके अभियान की रणनीति बनाई थी। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा इस बार नीतीश को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने से बच रही है क्योंकि उनकी लोकप्रियता में भारी गिरावट आई है । प्रशांत किशोर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह अगर वे घोषणा कर दें कि चुनाव के बाद नीतीश कुमार पूरे पांच साल के लिए मुख्यमंत्री होंगे, तो भाजपा को सीटें जीतना मुश्किल हो जाएगा। बता दें कि प्रशांत किशोर कभी जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे, लेकिन 2020 में पार्टी से निष्कासित कर दिए गए थे। उन्होंने कहा कि जदयू इस बार के चुनावों में बहुत खराब प्रदर्शन करने जा रही है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जब यह समझ जाएंगे कि भाजपा उन्हें समर्थन नहीं देने वाली, तो वे फिर से पाला बदल सकते हैं, लेकिन जदयू की सीटें इतनी कम होंगी कि उन्हें मुख्यमंत्री पद नहीं मिलेगा, चाहे वे किसी भी गठबंधन में जाएं। प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार शारीरिक रूप से थक चुके हैं और मानसिक रूप से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। यहां तक कि भाजपा के दिवंगत नेता सुशील मोदी ने भी कहा था कि वे एक गंभीर मानसिक बीमारी से पीड़ति हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल के मंत्रियों के नाम तक बिना कागज देखे नहीं बता सकते । किशोर ने यह भी कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल नई सरकार की शपथ ली, तो नीतीश कुमार ने सार्वजनिक रूप से उनके पैर छूकर बिहार को बदनाम किया। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर उन्हें मोदी जी के प्रति इतनी श्रद्धा थी, तो वे निजी तौर पर उनके पैर छू सकते थे, लेकिन वे सत्ता में बने रहने के लिए चाटुकारिता कर रहे हैं। उन्होंने बिहार की खराब स्थिति के लिए केवल जदयू और राजद को ही नहीं, बल्कि भाजपा और कांग्रेस को भी जिम्मेदार ठहराया। किशोर ने भाजपा पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए बिहार की शराबबंदी नीति की आलोचना की। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा को शराबबंदी इतनी पसंद है, तो वे उत्तर प्रदेश और अन्य भाजपा शासित राज्यों में इसे लागू क्यों नहीं करते ? वहां वे विकास और निवेश की बात करते हैं, और बिहार में मुफ्त राशन और शराबबंदी से आगे कुछ नहीं सोचते । प्रशांत किशोर ने दावा किया कि उनकी जन सुराज पार्टी बिहार को इस राजनीतिक दलदल से बाहर निकालने के लिए पूरी तरह तैयार है, जो दशकों से नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के बीच सत्ता संघर्ष में फंसा हुआ है।
