प्रधानाध्यापिका ने छात्रों को कीड़े वाले चावल खाने को कहा, मचा बवाल
बरपेटा। असम के बरपेटा जिले में आज उस समय लोगों का गुस्सा देखने को मिला जब एक स्कूल की प्रधानाध्यापिका ने कथित तौर पर अपने छात्र को कीड़े वाले चावल खाने को कहा और कहा कि इसमें विटामिन होता है। बरपेटा के नालिरपार में भातकुसी हाई स्कूल के छात्रों और अभिभावकों ने आज प्रधानाध्यापिका भानु ठाकुरिया के खिलाफ अपना गुस्सा निकाला, जब उन्होंने कथित तौर पर छात्रों से कहा कि कीड़े और कीड़े वाले चावल का सेवन अच्छा है क्योंकि इसमें विटामिन होते हैं। कथित तौर पर छात्रों ने मध्याहन भोजन के दौरान चावल की खराब गुणवत्ता के बारे में प्रधानाध्यापिका से शिकायत की थी और कहा था कि उन्हें परोसे गए चावल में कीड़े और कीड़े थे । इसके बाद प्रधानाध्यापिका ने छात्रों से अजीब टिप्पणी की, जहां उन्होंने दावा किया कि उन्हें बताया गया था कि कीड़े वाले चावल खाना अच्छा है क्योंकि इसमें विटामिन होते हैं। आरोपों में स्कूल के रसोइया को मध्याह्न भोजन के दौरान 450 छात्रों के लिए केवल 2 किलो दाल तैयार करने का निर्देश देना शामिल है, जिससे छात्रों को दो महीने से अधिक समय तक भूखा रहना पड़ा। छात्रों का दावा है कि उपलब्ध कराया गया भोजन अपर्याप्त है और अक्सर कीड़े से दूषित होता है । इसके अलावा, स्कूल में कथित तौर पर बैठने की उचित व्यवस्था, खेल सामग्री का अभाव है और छात्रों को अपने स्वयं के परीक्षा पत्र लाने के लिए मजबूर किया जाता है। एक छात्र ने कहा कि चावल में बड़े-बड़े कीड़े हैं। चावल की गुणवत्ता खराब है। हमने इस बारे में बताया था। बच्चों ने खाने की थालियां उठा कर उसे दिखाईं। उन्होंने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि इसमें विटामिन होता है। उन्होंने कहा कि अगर आप चावल के साथ कीड़े खाते हैं तो कुछ नहीं होता क्योंकि इसमें विटामिन होता है। इन आरोपों के बावजूद, प्रधानाध्यापिका भानु ठाकुरिया ने आरोपों को झूठा बताते हुए खारिज कर दिया और इसके लिए छात्रों के बीच गलत धारणाओं को जिम्मेदार ठहराया। जब हम चावल खरीदते हैं तो उसमें हमेशा कुछ कीड़े होते हैं । और मध्याह्न भोजन का चावल लंबे समय तक भंडारित रहता है, इसलिए उसमें कीड़े निकलना अस्वाभाविक नहीं है । हम हमेशा चावल पकाने से पहले उसे धोते हैं। यदि कोई कीड़ा निकला तो रसोइये की गलती है, मेरी नहीं । नहीं, मैंने कीड़ों वाले चावल खाने को लेकर ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। स्कूल की प्रधानाध्यापिका ने कहा कि यह सब झूठ है। इस बीच, अभिभावकों ने अधिकारियों से इन आरोपों की गहन जांच करने और रिपोर्ट किए गए मुद्दों के समाधान के लिए उचित कदम उठाने का आह्वान किया है।