देश में पिछले कुछ समय से प्याज के बढ़ते भाव के संकेत के बाद अब इस विषय पर ब्रेक लग गया है। लासलगांव में सबसे बड़ी थोक प्याज मंडी में प्याज की कीमत एक महीने में 50 फीसदी गिर गई है। पिछले महीने तक जहां प्याज की कीमतें 4000 रुपए प्रति क्विंटल थीं, वहीं रविवार को यह 2000 रुपए प्रति क्विंटल हो गई। नई खरीफ फसल की आवक से प्याज का मार्केट में भाव गिर रहा है। व्यापारियों का कहना है कि महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे प्रमुख प्याज उत्पादक क्षेत्रों में नए प्याज की आवक बढ़ने से रेट और भी गिर सकते हैं | प्याज व्यापारियों का कहना है कि खरीफ फसल का प्याज अधिक नमी के कारण लंबे समय तक भंडारित नहीं किया जा सकता, इसलिए किसान भरपूर उत्पादन के बावजूद इसे खुदाई के साथ ही बाजार में ले जा रहे हैं। अच्छी मानसूनी बारिश ने इस साल प्याज समेत अन्य फसलों जैसे टमाटर और आलू के उत्पादन को बढ़ावा दिया है। खरीफ प्याज का क्षेत्रफल इस साल पिछले वर्ष की तुलना में 27 फीसदी अधिक है। लासलगांव कृषि उत्पाद बाजार समिति के निदेशक ने बताया कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में प्याज की बढ़ती आवक से मंडी भाव गिर रहे हैं। इसके बावजूद, सरकार ने प्याज के निर्यात पर 20 फीसदी शुल्क लगाया है। निर्यात शुल्क की कटौती की मांग हो रही है और उम्मीद है कि इससे मांग और कीमतें बढ़ सकती हैं। खरीफ फसल की मजबूत आवक से अगले कुछ हफ्तों में खुदरा कीमतों में और नरमी आने की उम्मीद है। यहां भी पुरानी संगतियों के अनुसार प्याज की खुदरा कीमतें 60 रुपए प्रति किलोग्राम से घटकर 40 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई हैं।