611 करोड़ रुपए के ट्रांजैक्शन से जुड़ा है मामला, कंपनी ने कहा- सर्विसेस पर कोई असर नहीं

नई दिल्ली
पेटीएम को फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट नियमों का उल्लंघन करने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी, ईडी से कारण बताओ नोटिस मिला है। यह मामला 2015 से 2019 के बीच 611 करोड़ रुपए के ट्रांजैक्शन से जुड़ा है।611 करोड़ रुपए में से 345 करोड़ रुपए सब्सिडियरी कंपनी लिटिल इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े निवेश लेनदेन से संबंधित हैं, जबकि 21 करोड़ रुपए नियरबाय इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े हैं। बाकी राशि पेटीएम की पेरेंट कंपनी कम्युनिकेशंस लिमिटेड से जुड़ा है। पेटीएम ने 2017 में दोनों कंपनियों का अधिग्रहण किया था। पेटीएम ने कहा- सर्विसेस पर कोई असर नहीं पेटीएम ने कहा है कि ये नोटिस 28 फरवरी 2025 को मिला है। ये उल्लंघन उस समय हुए थे जब ये कंपनियां वन97 कम्युनिकेशंस की सहायक कंपनियां नहीं थीं। पेटीएम ने बताया कि मामले का समाधान किया जा रहा है। पेटीएम की सर्विसेज पर इसका कोई असर नहीं हुआ है। पेटीएम को मिले नोटिस की खबर का असर सोमवार को पेटीएम के शेयर पर दिख सकता है। शुक्रवार को पेटीएम का शेयर 1.59 प्रतिशत की गिरावट के साथ 714 रुपए पर बंद हुआ था। एक साल में शेयर 70 प्रतिशत बढ़ा है। वहीं इस साल शेयर में करीब 2 7 प्रतिशत की गिरावट आई है। पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस का वित्त वर्ष 2024- 25 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर- दिसंबर) में नेट लॉस 208 करोड़ रुपए रहा। एक साल पहले की समान तिमाही में पेटीएम का घाटा 220 करोड़ रुपए था। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 36 प्रतिशत गिरकर 1,828 करोड़ रुपए हो गया। 1999 में लाया गया था फेमा एक्ट फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट यानी, साल 1999 में एक पुराने अधिनियम (विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम) को बदलने के लिए पेश किया गया था। भारत में शुरुआत का मुख्य उद्देश्य बाहरी व्यापार और भुगतान को सुविधाजनक बनाना था ।
