कहा, मैं काहिलीपाड़ा में रहता हूं, आप मुझे निशाना बनाने के लिए स्वतंत्र हैं
गुवाहाटी (हिंस) । उल्फा-स्व द्वारा असम में लगातार किए जा रहे ग्रेनेड हमले का आज राज्य के पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि प्रतिबंधित यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा- स्व) उन्हें लक्ष्य बनाने के लिए स्वतंत्र है । डीजीपी ने धमकियों से बेपरवाह होकर विद्रोही समूह से असम के लोगों को परेशान न करने का आग्रह किया। डीजीपी सिंह ने कहा कि जो लोग असम से प्यार करते हैं, उन्हें असम के लोगों को परेशान नहीं करना चाहिए। मैं काहिलीपारा में रहता हूं, आप मुझे निशाना बनाने के लिए स्वतंत्र हैं। उल्फा-स्व द्वारा हाल ही में किए गए दो ग्रेनेड विस्फोटों के बाद डीजीपी ने आज यह बयान दिया है । उल्लेखनीय है कि कल जोरहाट में लिचुबाड़ी सेना शिविर के पास एक बम विस्फोट हुआ । उल्फा-स्व के वार्ता-विरोधी गुट ने तुरंत जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि ये हमले डीजीपी जीपी सिंह के लिए एक चेतावनी है। सिंह ने असम पुलिस के साथ कथित तौर पर अपनी पैतृक संपत्ति जैसा व्यवहार किया है। विदित हो कि पहला विस्फोट 22 नवंबर को तिनसुकिया जिले में एक सैन्य शिविर के पास हुआ था। दूसरा 9 दिसंबर को शिवसागर जिले में जयसागर सीआरपीएफ शिविर के पास हुए हमले के बाद संगठन ने आधिकारिक तौर पर जिम्मेदारी ली थी। सौभाग्य से इन घटनाओं में कोई हताहत नहीं हुआ। एक सार्वजनिक पत्र में, उल्फा - स्व ने डीजीपी सिंह पर अहंकार का आरोप लगाया और असम पुलिस को अपनी निजी संपत्ति मानने के लिए उनकी आलोचना की । पत्र में इस बात पर जोर दिया गया कि उनका इरादा व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं, बल्कि सत्ता के कथित दुरुपयोग के खिलाफ एक प्रदर्शन था। उल्फा- स्व के पत्र में कहा गया है कि जीपी सिंह ने असम पुलिस को अपनी पैतृक संपत्ति मानकर जो अहंकार दिखाया है, उससे असम पुलिस में काम करने वाले अधिकारियों, सदस्यों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचा है और उनका अहंकार स्वीकार नहीं किया जा सकता है।