गुवाहाटी ( हिंस ) । जंगली हाथियों की सुरक्षा को लेकर पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (पूसीरे) सभी तरह के आवश्यक कदम उठाते आ रहा है। ■ इसी कड़ी में गत 16 अक्तूबर की एक घटना में ट्रेन संख्या 15959 कामरूप एक्सप्रेस के लोको पायलट जेडी दास और सहायक लोको पायलट उमेश कुमार ने हावाईपुर और ■ लामसाखांग स्टेशन के बीच हाथियों के एक । झुंड को रेल पटरी पार करते हुए देखा। ट्रेन गुवाहाटी से लमडिंग की ओर जा रही थी। न यह घटना रात 8:37 बजे की है। लोको पायलट और सहायक लोको पायलट ने आपातकालीन ब्रेक लगाए और लगभग 60 जंगली हाथियों को ट्रेन की टक्कर से बचाया। पूसीरे के सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने गुरुवार को बताया कि ट्रेन के पायलट को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित इंट्रुशन डिटेक्शन सिस्टम (आईडीएस) द्वारा सतर्क किया गया था, जो इस सेक्शन में कार्यान्वित है। पूसीरे ने अपने क्षेत्राधिकार के अधीन अन्य सभी हाथी गलियारों में भी धीरे- धीरे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित इंट्रुशन डिटेक्शन सिस्टम (आईडीएस) स्थापित करने की योजना बनाई है। यह प्रणाली पहले भी रेलवे ट्रैक पर पहुंचने वाले कई हाथियों की जान बचाने में काफी सफल रही है। उन्होंने बताया कि इंट्रुशन डिटेक्शन सिस्टम (आईडीएस) हाथियों की रक्षा और ट्रेन परिचालन की गतिशीलता में सुधार के लिए एक पर्यावरण-स्थायी समाधान है । यह प्रणाली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर आधारित है और संबंधित स्थानों पर वन्य जीवों की पहचान के लिए मौजूदा ऑप्टिकल फाइबर का इस्तेमाल सेंसर के तौर पर किया जाता है। इसके बाद नियंत्रण कार्यालयों, स्टेशन मास्टर, गेटमैन और लोको पायलटों को सतर्क किया जाता है। यह ट्रैक पर हाथियों की वास्तविक समय पर उपस्थिति की सूचना देने के लिए डायलिसिस स्कैटरिंग फेनोमेनॉन के सिद्धांत पर कार्य करने वाले फाइबर ऑप्टिक आधारित ध्वनिक प्रणाली का उपयोग करता है। एआई आधारित सॉफ्टवेयर मुख्य इकाई के दोनों ओर 40 किमी (यानी 80 किमी के कुल क्षेत्र) तक असामान्य गतिविधियों की निगरानी कर सकता है। इसके अलावा आईडीएस रेल फैक्चर, रेल पटरी पर अनधिकृत प्रवेश का पता लगाने और रेल पटरियों के पास अनधिकृत खुदाई, पटरियों के पास भूस्खलन आदि से आपदा शमन के बारे में भी सतर्क करने में सहायक होगा। आईडीएस के अलावा, पूसीरे यह भी सुनिश्चित करता है कि लंबी झाड़ियों और जंगल को काटकर ट्रेनों के चालकों को परिचालन के समय बेहतर दृश्यता मिले। पूसीरे रेल पटरियों के पास पहुंचने वाले जंगली जानवरों, विशेषकर हाथियों की आवाजाही को रोकने और उनका पता लगाने के लिए विभिन्न पहल कर रही है । वन विभाग के साथ कई बैठक की गई है और रेलवे एवं वन विभाग द्वारा एक संयुक्त कार्रवाई बल का गठन किया गया था। पूरे कैलेंडर वर्ष 2023 के दौरान कुल 414 हाथियों और इस 16 अक्तूबर तक 383 हाथियों को बचाया है।