नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली की जेल में बंद कैदियों के पास से अक्सर मोबाइल मिलने की खबरें सामने आती रहती हैं। कई खतरनाक अपराधी जेल में बंद होने के बावजूद, अंदर बैठे फोन से अपनी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते रहते हैं । अब तक की तिहाड़ प्रशासन द्वारा की गई तमाम सख्तियों के बाद भी कैदी किसी न किसी प्रकार से मोबाइल का इस्तेमाल करने में कामयाब हो जा रहे हैं। जिसका स्थायी निदान निकालने के लिए तिहाड़ प्रशासन ने एक ऐसा उपाय ढूंढा है, जिससे कैदी मोबाइल फोन को जमीन के दो फुट नीचे भी छुपा कर रखेंगे तो भी उसका पता चल जाएगा। दअरसल, तिहाड़ प्रशासन ने कैदियों द्वारा जेलों में छिपाकर रखे गए मोबाइल फोन, सिम कार्ड और धातुओं की वस्तुओं का पता लगाने के लिए अमेरिका की एक कंपनी से 10 डिटेक्टर डिवाइस खरीदे हैं । यह डिटेक्टर जमीन के नीचे रखी चीजों का आसानी से पता लगा लेगा । ऐसा माना जा रहा है कि इन डिटेक्टर के माध्यम से अब दिल्ली की जेलों में कैदी अवैध रूप से फोन नहीं रख पाएंगे । तिहाड़ के एक अधिकारी ने बताया कि ये डिटेक्टर जमीन या कंक ीट में दो फुट की गहराई तक दबा कर रखी गई मोबाइल फोन, सिम क- ार्ड और धातुओं की वस्तुओं का पता लगा सकते हैं।
अधिकारी ने बताया कि तिहाड़ प्रशासन ने 2021 में दो नॉन- लीनियर जंक्शन डिटेक्टर खरीदे थे, जिनका परीक्षण के आधार पर इस्तेमाल किया जा रहा था । उन डि- डेक्टर डिवाईस के परिणामों को संतोषजनक पाने के बाद तिहाड़ प्रश- शासन ने अमेरिकी ऑर्गनाईजेशन ओरियन से और अधिक डिटेक्टर डिवाइस खरीदने का फैसला किया। अधिकारी के मुताबिक प्रत्येक डिटेक्टर डिवाईस की कीमत 15 लाख रुपए है और ऐसे 10 डिटेक्टर के लिए डेढ़ करोड़ रुपए खर्च किए किये गए हैं। ये डिटेक्टर हाल ही में खरीदकर जेलों को वितरित किए गए हैं। बता दें कि दिल्ली की प्रमुख जेलों, तिहाड़, मंडोली और रोहिणी जेलों में 17,906 विचाराधीन कैदी और 2, 165 दोषी बंद हैं।