सबसे पहले जर्नी का मकसद तय करें। काउंसलर को अपनी जरूरतें बताएं। कहीं ऐसा तो नहीं कि आप विदेश के सी बीच का आनंद लेना चाहते हैं और स्विट्जरलैंड की बुकिंग करा रहे हैं क्योंकि वहां सिर्फ झील, बर्फ और पड़ाड़ ही मिलेंगे। किसी भी जगह पर जाने से पहले वहां की ज्योग्राफी और हिस्ट्री के बारे में समझ लें, ताकि उसे अच्छे से एन्जॉय कर सकें। • उस जगह के खान-पान और कल्चर की पूरी जानकारी लें। अगर वेजिटेरियन हैं तो पता करें वहां क्या ऑप्शन अवेलबल हैं। • हर जगह का अपना एटिकेट होता है । उस कल्चर के बारे में एजेंट से जरूर पूछें। अगर आप इटली में पिज्जा ऑर्डर करते हैं तो आपसे शेफ कैसा पिज्जा चाहिए इस बारे में पूछता है । अगर बनने के बाद उसमें आप कोई कमी निकालते हैं या कोई सॉस या किसी चीज की डिमांड करते हैं तो वो उसे अपनी तौहीन मान लेते हैं। ऐसे में आपको बेइज्जती का सामना करना पड़ सकता है। टूरिज्म का मतलब ज्यादा जगहों पर पहुंचकर हाजिरी दर्ज कराना नहीं है। इसका सही मतलब ज्यादा से ज्यादा चीजों के बारे में जानना है। कहीं ऐसा तो नहीं कि ज्यादा जगह घूमने के चक्कर में आपका सारा टाइम होटल में चेक इन और चेक आउट में बीत रहा है। हो सके तो अपनी फूड हैबिट्स को जगह के हिसाब से अडजस्ट करने की कोशिश करें। मैक्सिको जाकर अपना फेवरिट फिश टिक्का या दाल फ्राई ऑर्डर करने के बजाय वहां के लोकल फूड का मजा लेने की कोशिश करें। विदेश जाने से पहले अपना मेडिकल इंश्योरेंस करवाना न भूलें । अगर विदेश में बीमार हुए या किसी एक्सिडेंट का शिकार हुए तो डॉलर में पैसे चुकाना आपको अखर सकता है।