ग्रेनेड विस्फोटों में शामिल सभी अल्फा-स्वा कैडर गिरफ्तार
गुवाहाटी (हिंस)। पिछले दिनों राज्य में हुई तीन ग्रेनेड विस्फोटो की घटना में शामिल 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। असम पुलिस ने यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम- इंडिपेंडेंट (अल्फा-स्वा) से जुड़े व्यक्तियों को इस सिलसिले में गिरफ्तार किया है। ये गिरफ्तारियां 22 नवंबर, 9 दिसंबर और 13 दिसंबर को ऊपरी असम के तिनसुकिया, शिवसागर और जोरहाट जिलों में हुए तीन ग्रेनेड विस्फोटों के सिलसिले में की गई। उल्लेखनीय है कि सशस्त्र उग्रवादी संगठन उल्फा-स्वा ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली थी । असम के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने इस अभियान की सराहना की है। कई हफ्तों तक चलाए गए इस अभियान के दौरान अपराधियों को पकड़ा गया और ग्रेनेड फेंकने की घटनाओं में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिलें बरामद की गई। पुलिस बल के मेहनती प्रयासों का परिणाम है कि शिवसागर जिले में आठ और तिनसुकिया और जोरहाट जिलों में दो-दो संदिग्ध लिंकमैन को पकड़ने में सफलता मिली। अपने एक्स हैंडल पर डीजीपी जीपी सिंह ने लिखा है कि हफ़्तों तक चले इस शानदार ऑपरेशन में, तिनसुकिया, शिवसागर और जोरहाट में एक प्रतिबंधित संगठन द्वारा ग्रेनेड फेंकने के तीन अपराधों का पर्दाफाश किया गया और अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है । इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिलें बरामद की गई हैं। इन अपराधियों को उकसाने वाले लोगों के ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों की भी पहचान कर ली गई है। वे जिस भी कोने में हों, उन्हें कानून के दायरे में लाया जाएगा। डीजीपी ने कहा कि सबूत उचित समय पर सक्षम अदालत में पेश किए जाएंगे। असम पुलिस राज्य लोगों को सभी हिंसक अपराधों से बचाने के प्रति संकल्प पर दृढ़ है । ऑपरेशन से जुड़े प्रत्येक अधिकारी और कर्मियों को मेरी (डीजीपी) बधाई और आभार । उन्होंने कहा कि वे असम पुलिस के झंडे को ऊंचा रखने का संकल्प लेते हैं । उल्लेखनीय है कि तिनसुकिया में, पहला ग्रेनेड डिराक आर्मी कैंप के पास फेंका गया। इसके बाद शिवसागर और जोरहाट शहर के केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कैंप के पास भी इसी तरह के विस्फोट हुए। पुलिस ने एक अन्य सुनियोजित हमले के लिए बनाया गया एक ग्रेनेड भी बरामद किया और गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों के प्रतिबंधित समूहों से संबंध का संकेत देने वाले दस्तावेज़ भी जब्त किए। स्थिति की गंभीरता को दर्शाते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इन धमाकों की जांच शुरू कर दी है। डीजीपी ने राज्य के नागरिकों को हिंसक अपराधों से बचाने के लिए असम पुलिस की अटूट प्रतिबद्धता पर जोर दिया और ऑपरेशन में शामिल अधिकारियों और सभी लोगों की सराहना की। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से हिंसा भड़काने वालों की पहचान कर ली गई है और उन्हें कानूनी परिणाम भुगतने होंगे।