ग्रामीण भारत की महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए अहम कदम

जयपुर ( हिंस) । राजधानी में आयोजित सरस आजीविका मेला-2024 में देश विभिन्न राज्यों से जुड़ी रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध है। इस मेले का आयोजन जयपुर के जवाहर कला केंद्र एवं इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में 30 दिसंबर तक किया जा रहा है। यहा 300 से अधिक स्टॉल लगी है, जहां कपड़े, फुटवियर, ज्वैलरी से लेकर खाने-पीने तक का सामान उपलब्ध है। सरस मेला ग्रामीण विकास विभाग के तत्वावधान से राजीविका द्वारा लगाया गया है। इस मेले का उद्देश्य देश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करना तथा ग्रामीण शिल्पकारो, कारीगरों और बुनकरों के उत्पादों को एक ही मंच पर लाकर उन्हें समृद्धि की ओर अग्रसित करने का अवसर प्रदान करना है। यह मेला ग्रामीण भारत की महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए एक अहम कदम है, जो केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल की थीम पर लगा हुआ है। सरस मेले में आम जन का काफी उत्साह नजर आ रहा है। मेले में लोग हैंड मेड वस्तुएं, सजावटी सामान, शुद्ध मसाले एवं अन्य खाने-पीने की वस्तुओं में काफी रूचि दिखा रहे हैं। मेले में राजस्थान, असम, तमिलनाडु, केरल, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों की महिलाओं ने अपनी स्टॉल लगा रखी है। मेले में लखपति दीदी हैंडमेड शोपीस आइटम, हैंडलूम साड़ियां, ज्वैलरी भी बेच रही हैं। सरस मेले में असम के बांस कला, बिहार की मधुबनी चित्रकला और सिक्की शिल्प, छत्तीसगढ़ की मोमबत्तियां तथा साबुन, गोवा व गुजरात के लकड़ी के खिलौने, सजावटी सामान, हरियाणा की धातु कला व मिट्टी के सामान, कर्नाटक के आभूषण, महाराष्ट्र के फुटविअर, ओडिसा के साबई हस्तशिल्प, बिहार के स्वर्ण घास उत्पाद तथा चूड़ियां, पश्चिम बंगाल के जूट हैंड बैग्स आकर्षण का केंद्र हैं।

ग्रामीण भारत की महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए अहम कदम
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