गुवाहाटी (हिंस) । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने 26 सितंबर को स्नातकोत्तर छात्र संघ (जीयूएसयू) के परिणामों को लेकर गौहाटी विश्वविद्यालय के दो छात्रावासों के छात्रों के बीच हुई हिंसक घटनाओं की कड़ी निंदा की है। परिषद ने घायल छात्रों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। गौहाटी विश्वविद्यालय के छात्रावासों में केवल प्रतिभाशाली छात्रों को ही सीट मिलती है, जिनमें से अधिकांश आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आते हैं। पूरे असम और पूर्वोत्तर से ये छात्र गौहाटी विश्वविद्यालय में दाखिला लेकर छात्रावासों में रह रहे हैं। हालांकि, लंबे समय से छात्रावासों में गुंडों और अन्य लोगों के अवैध रूप से बसने से विश्वविद्यालय का शैक्षणिक माहौल खराब हो गया है। 18 मार्च, 2024 को अभाविप ने एक रचनात्मक समारोह आयोजित किया। इस दौरान परिषद के झंडे, शक्तिपीठ कामाख्या और बीर लचित बरफूकन की तस्वीरों वाले पोस्टरों को लात मारकर विश्वविद्यालय परिसर में अशांति फैलाई गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस पहुंची और विश्वविद्यालय के गेट के बाहर इंतजार करती रही, लेकिन रहस्यमय तरीके से अधिकारियों ने पुलिस को विश्वविद्यालय में प्रवेश नहीं करने दिया और मूकदर्शक बने रहे। यदि विश्वविद्यालय ने उसी दिन इन तत्वों का कठोर हाथों से दमन किया होता, तो ऐसी घटना फिर नहीं होती । विद्यार्थी परिषद विश्वविद्यालय के सुधार के लिए कई कदम उठाने की सिफारिश की है। इनमें घायल छात्रों को मुफ्त चिकित्सा प्रदान करने, ऐसी घटनाओं को अंजाम देने और भड़काने वाली बाहरी और आंतरिक बुरी ताकतों की पहचान कर इन ताकतों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने आदि की मांग की गई है।