लखनऊ (हिंस) । बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने भारत के गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय संविधान के निर्माता और दलितों व अन्य उपेक्षित वर्गों के मसीहा डॉ. भीमराव अंबेडकर के बारे में संसद में अमित शाह द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्दों से बाबा साहब की गरिमा और अस्तित्व को गहरी ठेस पहुंची है। पूरे देश में उनके अनुयायियों में जबरदस्त गुस्सा है। उन्हें अपने ये शब्द वापस लेने चाहिए और इसके लिए पश्चाताप भी करना चाहिए। पार्टी अध्यक्ष मायावती ने कहा कि भाजपा हो या फिर कांग्रेस हो, सभी दल अभी भी बाबा साहब का सम्मान नहीं करते। उनका सम्मान भी छलावा रहा है । जैसा देखने को मिलता है, यह सभी पार्टियां बाबा साहब का नाम इस्तेमाल कर सिर्फ वोटरों को लुभाने में लगी रहती हैं। मैं वर्तमान पार्टी को भी चेतावनी दे रही हूं कि अगर बाबा साहब के नाम का इस्तेमाल कर वोट के लिए राजनीति बंद नहीं की गई तो इनका भी विरोध देश में हमारी पार्टी को करना पड़ेगा । अगर बसपा नहीं होती तो यह बाबा साहब का नाम मिटा देते। मायावती ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने संविधान निर्माण में रहे बाबा साहब अंबेडकर के योगदान को भी मिटाने की पूरी कोशिश की। कांग्रेस पार्टी जरूर कामयाब हो जाती, कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए अगर कांशीराम ने अपना पूरा जीवन नहीं दिया होता तो जिस मंजिल तक पहुंचाने के लिए मुझे भी अपनी पूरी जिंदगी समर्पित करनी पड़ी। हमने साम, दाम, दंड, भेद और हथकंडों का मुकाबला करते हुए डटकर सामना किया है। बसपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस, भाजपा और समाजवादी पार्टी किस्म किस्म के हाथकंडे अपनाती रही जबकि यूपी में बसपा के नेतृत्व में रही सरकार ने दिल्ली के नजदीक नोएडा में और लखनऊ में बाबा साहब के सम्मान में स्मारक और पार्क बनाए हैं। उनके नाम पर यहां अनेक जनहित की योजनाएं शुरू की हैं। जिनमें से कुछ को बाद में समाजवादी पार्टी की सरकार में बदल भी दिया। जो इनके बाबा साहब के प्रति नफरत को भी दर्शाता है। कांग्रेस के साथ मिलकर सपा हवा-हवाई की बात कर रही है । अन्य महापुरुषों गुरुओं को भी बाबा साहब के साथ-साथ पूरा आदर सम्मान किया गया है, हमने जो काम किए हैं बाबा साहब के सम्मान में उसे लेकर सबकी नींद उड़ी हुई है। उनके अनुयायियों के वोटों को लुभाने के लिए जो दलित तोरण ने पिछड़े वर्ग से ताल्लुक रखते हैं । उनके अनुयायियों के वोटों को लुभाने के लिए बीजेपी को भी मजबूर होकर अपने दिल पर पत्थर रखकर उनके सम्मान में कुछ कदम भी उठाने पड़े। मायावती ने कहा कि बाबा साहब ने कहा था कि कांग्रेस कभी भी माफ करने लायक पार्टी नहीं है । इस पार्टी से दलित वर्गों के लोग कभी भी जुड़ने की कोशिश न करें। जिसका कांग्रेस ने कदम- कदम पर मेरा अपमान किया। मुझे इस पार्टी ने कानून मंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया। चौबीस कानून संविधान में उनके हितों में बनाए गए हैं, उसे भी लागू नहीं होने दिया । इनका चाल चरित्र चेहरा अभी तक बदला नहीं है । इन सब मामलों में भाजपा भी हमें कोई पीछे नहीं नजर आती है। यह पार्टी भी इन वर्गों के वोटों को लुभाने के लिए आए दिन सियासत करती रहती है। इस चक्कर में यह पार्टी खुद ही अपने जंजाल में बुरी तरह फंस गई है।