
दौसा (हिंस)। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सोमवार को केंद्र और प्रदेश में भाजपा सरकार की नीतियों पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केवल पॉडकास्ट करते हैं, लेकिन प्रेस कांफ्रेंस करने से बचते हैं। उन्होंने मणिपुर की स्थिति, चीन की घुसपैठ और अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ जैसे मुद्दों पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया। पायलट ने भाजपा के डबल इंजन सरकार के दावे पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के बजट में राजस्थान का कोई जिक्र नहीं किया गया, जबकि यहां भाजपा की सरकार बनी और पार्टी ने सांसद भी जिताए। उन्होंने पूछा कि जब राजस्थान को केंद्र से कुछ नहीं मिला तो फिर डबल इंजन सरकार का क्या फायदा? उन्होंने केंद्र सरकार पर राजस्थान की जनता से नाराजगी निकालने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य सरकार को बजट घोषणाओं को लेकर केंद्र पर दबाव बनाना चाहिए था। पूर्व उपमुख्यमंत्री जयपुर से करौली के तिघरिया गांव जाते समय जीरोता गांव में दौसा विधायक दीनदयाल बैरवा से मिले। दोपहर में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि पिछले 12-14 महीनों में प्रदेश की सत्ता में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। मुख्यमंत्री खुद भी स्थिति को लेकर बोल चुके हैं, लेकिन उनके मंत्री और अफसरशाही हावी होती दिख रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब विपक्ष में है और लगातार सरकार से जवाब मांगती रहेगी। विधानसभा सत्र को लेकर पायलट ने कहा कि सरकार की परफॉर्मेंस सबके सामने है । विधानसभा अध्यक्ष ने कई बार मंत्रियों को बचाने की कोशिश की, लेकिन विपक्ष के सवालों पर सरकार संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई। सत्ता पक्ष के विधायकों के सवालों का भी अधिकांश मंत्री प्रमाण सहित उत्तर नहीं दे सके। उन्होंने सरकार पर तैयारियों की कमी का आरोप लगाते हुए कहा कि सालभर से जो घोषणाएं की जा रही थीं, वे धरातल पर नहीं उतर सकीं। राज्य सरकार के एक साल के कार्यकाल की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले बजट में चार लाख रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन अब तक कितने रोजगार दिए गए, इसका कोई ठोस जवाब नहीं है। उन्होंने कहा कि बैकलॉग नहीं भरा जा रहा, छात्रों को स्कॉलरशिप नहीं मिल रही, यहां तक कि केंद्र सरकार ने भी इस मुद्दे पर पत्र लिखकर राज्य सरकार की विफलता को उजागर किया था। उन्होंने कहा कि विधानसभा में बयानबाजी करना एक बात है, लेकिन सरकार जवाबदेही निभाने में असफल हो रही है। मंत्री सदन में मौजूद नहीं रहते, इस्तीफे की स्थिति. बनी हुई है, और सरकार में आंतरिक खींचतान स्पष्ट रूप से दिख रही है। उन्होंने कहा कि चाहे सब इंस्पेक्टर भर्ती हो, पेपर लीक मामला हो या कानून व्यवस्था- हर मोर्चे पर सरकार बैकफुट पर है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के भीतर ही असंतोष की स्थिति है, जो बार-बार सामने आ रही है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हालिया बैठक पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि संगठन के विस्तार को लेकर कई अहम फैसले लिए गए हैं। नए जिलों में और बड़े जिलों में अध्यक्ष नियुक्त किए जाएंगे, जिससे संगठन को मजबूती मिलेगी। उन्होंने बताया कि 2025 कांग्रेस संगठन का वर्ष रहेगा और मंगलवार को दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिवों की बैठक होगी, जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी संगठन को मजबूत करने की रणनीति पर चर्चा करेंगे। आने वाले महीनों में बूथ स्तर से लेकर शीर्ष स्तर तक कांग्रेस संगठन को सक्रिय किया जाएगा।
