भारत को अपनी पहली शूटिंग फ्रैंचाइज़ी लीग जल्द ही शुरु होने जा रही है, जिसे फिलहाल शूटिंग लीग ऑफ इंडिया (एसएलआई) नाम दिया गया है। इसकी घोषणा भारत में ओलंपिक खेल की शासी संस्था, भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) ने की है। एनआरएआई के अध्यक्ष कलिकेश नारायण सिंह देव द्वारा प्रस्तावित इस योजना को संघ की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था, गवर्निंग बॉडी से मंजूरी मिल गई है। पहले संस्करण का आयोजन मार्च 2025 में अंतरराष्ट्रीय शूटिंग खेल महासंघ (आईएसएसएफ) से स्वीकृति प्राप्त करने के बाद किया जाएगा और इसके लिए एक समय सीमा निर्धारित की जा रही है। लीग को लेकर सिंह देव ने कहा, हाल ही में हुए पेरिस ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन के बाद शूटिंग की लोकप्रियता को एक बड़ा प्रोत्साहन मिला है, और हमें लगा कि यह लीग शुरू करने का सही समय है। हमने देखा है कि अच्छी तरह से संगठित फ्रैंचाइज़ी लोगों ने न केवल खेल की लोकप्रियता को बढ़ावा दिया है, बल्कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने खेल और उसके एथलीटों के लिए नई दर्शक संख्या और राजस्व भी लाया है। उन्होंने आगे कहा, शूटिंग अपने शुद्ध ओलंपिक रूप और प्रारूप में टेलीविजन के लिए उपयुक्त नहीं मानी जाती है, हालांकि हमने इस पर गहन विचार किया है और महसूस किया कि हमने एक सफल प्रारूप हासिल कर लिया है। यह सब खेल और उसके सुपर एथलीटों के हित में है, जिन्होंने पिछले कुछ दशकों में वैश्विक मंचों पर देश को लगातार गौरव दिलाया है। वे इसके हकदार हैं। एनआरएआई के महासचिव, के. सुल्तान सिंह ने एसएलआई की मूल रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए कहा, हम सभी 15 ओलंपिक इवेंट्स को एसएलआई का हिस्सा बनाना चाहते हैं, लेकिन हम कुछ प्रारूपों में नवाचार और बदलाव करेंगे ताकि उन्हें टेलीविजन या लाइव स्ट्रीम पर अधिक रोमांचक बनाया जा सके। हम खेल में नये दर्शकों और प्रायोजकों को आकर्षित करने के लिए अद्वितीय स्वामित्व और टीम संरचना भी चाहते हैं। जल्द ही और विवरण साझा किए जाएंगे। हाल ही में संपन्न पेरिस 2024 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में भारत ने शूटिंग से तीन कांस्य पदक जीते, जो देश की कुल पदक संख्या का आधा हिस्सा थे। यह पहली बार था जब भारत ने किसी भी खेल में तीन पदक जीते, और इसने शूटिंग को देश का सबसे सफल व्यक्तिगत ओलंपिक खेल बना दिया, जिसमें पिछले दो दशकों में एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य पदक शामिल हैं।