आरक्षण के लिए मराठा समाज का आंदोलन उग्र, भाजपा नेता का घर फूंका
मुंबई (हि.स.) । मराठा आरक्षण के लिए सोमवार को मराठा क्रांति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने उग्र रुप धारण करते हुए कई नेताओं के घर, कार्यालय, सरकारी कार्यालयों में आगजनी और तोड़फोड़ की है। इस तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं पर मराठा नेता मनोज जरांगे ने कहा कि सरकारी पक्ष में बैठे लोग की ओर से इस तरह का कृत्य किए जाने की आशंका है। उन्होंने मराठा समाज को शांतिपूर्वक आंदोलन करने की अपील की है। जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले कहा कि जनप्रतिनिधियों की घर कार्यालय फूंक दिया जा रहे हैं। यह टोटल इंटेलीजेंस फेल्योर है। गृह मंत्रालय कहां हैं। गृहमंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उधर मराठा नेताओं की उग्रता को देखते हुए प्रशासन ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे, मंत्री छगन भुजबल सहित कई नेताओं के घर पर पुलिस सुरक्षा बढ़ा दिया है। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आज सुबह से ही मराठा आंदोलन कारियों ने राकांपा विधायक प्रकाश सोलंके के घर में आग लगा कर की थी। इसके बाद उग्र मराठा आंदोलनकारियों ने बीड़ में ही राष्ट्रवादी भवन में आग लगा दिया। इसके बाद आंदोलन कारियों ने बीड़ में विधायक विधायक संदीप क्षीरसागर और पूर्व मंत्री जयदत क्षीरसागर के कार्यालय में आग लगा दी। इतना ही नहीं मराठा आंदोलन कारियों ने विधायक प्रकाश सोलंके के भाई धैर्यशील सोलंके का बंगला भी फूंक दिया। बीड में ही मंत्री छगन भुजबल के कार्यकर्ता सुभाष राउत के होटल में आग लगा दी गई है। आंदोलनकारियों ने बीड़ नगर निगम कार्यालय को भी फूंक दिया है। छत्रपति संभाजीनगर में मराठा कार्यकर्ताओं ने भाजपा विधायक प्रकाश बंब का कार्यालय तोड़ दिया। इतना ही नहीं उग्र मराठा आंदोलन कारियों ने जालना में बदनपुर और शेलगांव स्टेशन के बीच रेलवे को रोकने का प्रयास किया, जबकि जालना में समृद्धि हाईवे को कई घंटे तक बंद रखा। महाराष्ट्र के कई जिलों में मराठा आंदोलन कारियों ने हाईवे पर टायर जलाकर यातायात अवरुद्ध किया। खबर लिखे जाने तक मराठा आंदोलन कारियों का उग्र आंदोलन कई शहरों में जारी है। मनोज जाएंगे पाटिल ने आज सुबह राकांपा विधायक प्रकाश सोलंके का घर जलाए जाने के बाद कहा था कि सोलंके ने कभी मराठा समाज के बारे में गलत व्यक्तव्य दिया होगा । लेकिन शाम को मनोज जाएंगे ने कहा कि मराठा समाज के लोग आगजनी और तोड़फोड़ में शामिल नहीं हो सकते। इस तरह की तोड़फोड़ और आगजनी उनके आंदोलन को बदनाम करने के लिए सरकारी पक्ष के लोगों द्वारा किए जाने की आशंका है। जरांगे पाटिल ने मराठा समाज के लोगों से अपील की है कि कोई भी आंदोलन शांतिपूर्वक करें अन्यथा उन्हें अलग निर्णय लेना पड़ेगा।