जोधपुर ( हिंस)। आईआईटी जोधपुर में इस बार प्रथम बीएससी- बीएड कार्यक्रम की शुरुआत की है। कुल पचास सीटों वाले पहले बैच में प्रवेश के लिए जबरदस्त उत्साह देखा गया, जिसमें संस्थान को 450 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए। कार्यक्रम के शुभारंभ पर आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रो. अविनाश कुमार अग्रवाल ने ऐसे शिक्षकों को तैयार करने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता दोहराई जो न केवल अपने विषय क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करेंगे बल्कि भारत में शिक्षा को बदलने और राष्ट्र निर्माण का मार्ग भी प्रशस्त करेंगे। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप शुरू किया गया एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम शिक्षा के क्षेत्र में सीधा प्रभाव डालने का एक विशिष्ट अवसर प्रदान करता है। आईआईटी जोधपुर का कार्यक्रम माध्यमिक स्तर के लिए स्नातक शिक्षकों के व्यापक विकास पर आधारित है । कार्यक्रम की एक महत्वपूर्ण विशेषता पाठ्यक्रम में शिक्षा प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने पर ज्यादा जोर देना है, ताकि कार्यक्रम के स्नातकों को मजबूत तकनीकी, शैक्षणिक और सामग्री ज्ञान होगा। आईआईटी जोधपुर के सीईटीई की प्रमुख डॉ. राजलक्ष्मी चौहान ने भारतीय शिक्षा प्रणाली की माध्यमिक स्तर पर विशिष्ट आवश्यकताओं से अवगत कराते हुए आईटीईपी के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आईआईटी जोधपुर के सीईटीई में किए जा रहे कार्य स्नातकों को कौशल और ज्ञान से परिपूर्ण करने का काम करते हैं जो उन शिक्षार्थियों को पढ़ाने के लिए आवश्यक हैं तथा अब प्रौद्योगिकी – समृद्ध वातावरण में जन्मे और पले-बढ़े हैं, जिनके पास डिजिटल साक्षरता के विभिन्न स्तर हैं।