असम के युवाओं ने ड्रोन के लिए तैयार किया एआई आधारित नया प्लेटफॉर्म
गुवाहाटी। इस स्टार्ट अप के दोनों संस्थापक अपने जुनून को नई दिशा देने के लिए दुबई और जर्मनी से वापस भारत लौटे हैं। उन्होंने डीपसेंस नाम के प्लेटफॉर्म को शुरू करने की घोषणा की है, जो ड्रोन के परिचालन के दौरान सामने आनी वाली जटिल चुनौतियों को हल करने का काम करेगा। इस प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल से विमानन कंपनियों, आम लोगों, ऑपरेटरों और अन्य हितधारकों की सुरक्षा को कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में ड्रोन को बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जा सकेगा। सैन्य, व्यवसायिक और अन्य गतिविधियों में क्रांति लाने का काम करने वाले ड्रोन के लिए यातायात प्रबंधन की जरूरत का समाधान तलाशते हुए दो उद्यमियों ने एक स्टार्ट अप शुरू किया है, जो इन हवाई उपकरणों को उड़ान के दौरान होने वाली तमाम परेशानियों को दूर करने का काम करेगा। ड्रोन द्वारा पता लगाने और उसपर जवाबी कार्रवाई जैसे उपायों के लिए पहले से ही भारतीय वायु सेना के साथ काम कर रहे असम के ये दोनों उद्यमियों ने अब एक कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) वाला हवाई क्षेत्र प्रबंधन प्लेटफॉर्म तैयार किया है, जिसे 11 अक्तूबर को संपन्न हुए दो दिवसीय रक्षा प्रदर्शनी ईस्ट टेक 2023 में लॉन्च किया गया था। एवीजीएआरडीई के प्रबंध निदेशक और सह- संस्थापक मानस भुइयां ने पीटीआई को बताया, अधिकांश कंपनियां ड्रोन बना रही हैं, जबकि हम ड्रोन एयरस्पेस प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं क्योंकि यह ड्रोन इकोसिस्टम के सतत विकास के लिए उतना ही जरूरी है । जैसे वाहनों को सड़कों पर सुरक्षित और कुशल तरीके से चलने के लिए यातायात प्रबंधन की आवश्यकता होती है, ठीक उसी तरह ये चीज ड्रोन एयरस्पेस पर भी लागू होती है। मानस एवं नीलोत्पल चौधरी ने साथ मिलकर 2018 में एवग्रेड सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड (एवीजीएआरडीई) की स्थापना की थी । यह एक स्टार्टअप था, . जिसे आईआईएससी बैंगलोर और आईआईटी गुवाहाटी में स्थापित किया गया था । रेडियो फ्रीक्वेंसी व वायरलेस तकनीक के इस्तेमाल पर केंद्रित यह स्टार्ट-अप कम ऊंचाई वाले हवाई क्षेत्र प्रबंधन के लिए एआई-संचालित ऑब्जेक्ट सेंसिंग प्लेटफॉर्म का निर्माण कर रहा है । इस स्टार्ट अप के दोनों संस्थापक अपने जुनून को नई दिशा देने के लिए दुबई और जर्मनी से वापस भारत लौटे हैं। उन्होंने डीपसेंस नाम के प्लेटफॉर्म को शुरू करने की घोषणा की है, जो ड्रोन के परिचालन के दौरान सामने आनी वाली जटिल चुनौतियों को हल करने का काम करेगा। इस प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल से विमानन कंपनियों, आम लोगों, ऑपरेटरों और अन्य हितधारकों की सुरक्षा को कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में ड्रोन को बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जा सकेगा।