
होली से पहले ही हमारी क्रिकेट टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर उल्लास – उमंग का ऐसा रंग दिया कि हर भारतीय निखर उठा। होली से पहले देश में दिवाली का भी जश्न मना । देश के कोने-कोने ही नहीं, दुबई के इंटरनेशनल स्टेडियम में खूब तिरंगे लहराये। वहां तन-मन पर तिरंगे अहसास मुखरित हुए। निरंतर जीत की लय में नजर आ रही टीम ने देश की धड़कनों को उस समय ऊंचाई दी जब फाइनल मैच में न्यूजीलैंड को चार विकेट से हरा दिया। एक ऐसी जीत जिस पर हर भारतीय गर्व कर सके। यह भारतीय क्रिकेट डिप्लोमेसी की भी बड़ी जीत थी, जिसने बताया कि क्रिकेट जगत में भारत के दखल का कोई विकल्प नहीं है। इस बार चैंपियन ट्रॉफी का आयोजक पाकिस्तान था, जिसने स्टेडियम तैयार करने और अपनी धरती पर यह वैश्विक स्पर्धा आयोजित करने को जी जान लगायी और पैसा खर्च किया । लेकिन बावजूद इसके आईसीसी में भारतीय वर्चस्व के चलते हमारी टीम ने कोई भी मैच पाकिस्तान में नहीं खेला। भारत ने सारे मैच तीसरे देश दुबई में खेले। फिर चैंपियंस ट्रॉफी भी जीत ली। पाकिस्तान के हुकमरान व क्रिकेट के कर्ता-धर्ता मन मसोस कर रह गये । बहरहाल, भारतीय टीम का दस महीनों में यह दूसरा विश्व खिताब है। भारत ने जून, 2024 को टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराया था। कप्तान रोहित शर्मा को इस बात का श्रेय दिया जाना चाहिए कि उनकी कप्तानी में देश ने दूसरा आईसीसी टूर्नामेंट जीता। सही मायनों में फाइनल में उन्होंने कप्तान की पारी खेली और शानदार – धुआंधार 76 रन बनाये। निश्चित रूप से फाइनल मैच में स्पिनरों की महत्वपूर्ण भूमिका रही । उनके कसे शिकंजे का ही नतीजा था कि न्यूजीलैंड को 251 पर बांध दिया गया । फिर रोहित की पारी के अलावा श्रेयस अय्यर व केएल राहुल की शानदार पारियों ने टीम को जीत के मुहाने तक पहुंचाया। ओपनर्स रोहित शर्मा और शुभमन गिल की रिकॉर्ड शतकीय साझेदारी ने टीम में जीत का जज्बा पैदा किया। दोनों धुरंधरों ने पहले विकेट के लिये 105 रन जोड़े। बहरहाल, बारह साल बाद चैंपियंस ट्रॉफी में जीता खिताब भारतीयों को उल्लास से भर गया। वहीं टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में पच्चीस साल पहले न्यूजीलैंड के हाथों मिली हार का भी बदला ले लिया । सुखद यह भी है कि हमारी टीम पूरे टूर्नामेंट में अजेय रही। उससे भी महत्वपूर्ण यह है कि भारतीय टीम तीन बार चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे सफल टीम बन गयी। यह भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिये निश्चय ही गर्व की बात है। इस टूर्नामेंट की एक खास उपलब्धि रही मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती की खोज । वे शुरुआत में प्रस्तावित टीम का हिस्सा नहीं थे। लेकिन उन्होंने खुद को साबित किया और विरोधियों को उन्हें समझने में खासी दिक्कत का सामना करना पड़ा। भारतीय टीम की उपलब्धि यह भी है कि उसने आईसीसी इवेंट्स में पिछले 14 मैच लगातार जीते हैं। गर्व का पल यह भी है कि भारत के पास एक ही समय में टी-20 विश्व कप और चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब है। दुनिया की ऐसी अनुभवी टीम जिसमें रोहित शर्मा व विराट कोहली के पास नौ आईसीसी फाइनल खेलने का रिकॉर्ड है। बहरहाल, इस मैच में भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को इस बात को लेकर निराशा जरूर हुई होगी कि पूरे टूर्नामेंट में शानदार फॉर्म में रहे विराट कोहली फाइनल मुकाबले में सिर्फ दो गेंदों का ही सामना कर पाए। लेकिन श्रेयस अय्यर व केएल राहुल ने इस कमी को पूरा किया।
