
इटानगर। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार जल्द ही चांगलांग जिले में सीमा विवाद को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाने के लिए असम के साथ बातचीत करेगी। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने 2022 में नामसाई घोषणा पर हस्ताक्षर किए थे। लेकिन इसमें चांगलांग को शामिल नहीं किया गया था। इस घोषणा का मकसद 11 जिलों में विवादित सीमावर्ती गांवों की संख्या 123 से घटाकर 86 करना था। खांडू राज्य विधानसभा में निर्दलीय विधायक लाइसम सिमाई के सवाल का जवाब दे रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि चांगलांग के लिए क्षेत्रीय समिति सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपने में विफल रही है, जिसके कारण जिले को समाधान की प्रक्रिया से बाहर रखा गया। उन्होंने आगे बताया कि पांच जिलों में विवादों को सुलझा लिया गया है, जबकि छह जिलों में विवाद सुलझाने बाकी हैं। मुख्यमंत्री ने सदन को आश्वस्त किया कि चांगलांग के मुद्दे को अलग से असम सरकार के साथ उठाया जाएगा। सिमाई ने इस मुद्दे को उठाते हुए आरोप लगाया था कि जून 2022 में चांगलांग के लिए गठित क्षेत्रीय समिति असम के विरोध के कारण निष्क्रिय हो गई है, क्योंकि 2014 की स्थानीय रिपोर्ट में जिले के किसी भी विवादित गांव का जिक्र नहीं किया गया था । उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य का दूसरा सबसे बड़ा जिला चांगलांग असम के साथ लंबी सीमा साझा करता है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। वहीं, राज्य के गृह मंत्री मामा नतुंग ने विधायक की चिंताओं पर जवाब देते हुए सदन को बताया कि असम ने विवाद के समाधान की प्रक्रिया में चांगलांग को शामिल करने पर आपत्ति जताई है, क्योंकि 2014 के स्थानीय आयोग की रिपोर्ट में सूचीबद्ध 123 विवादित गांवों में इसका नाम शामिल नहीं है। नटुंग ने कहा, चांगलांग के लिए क्षेत्रीय समिति का पुनर्गठन नहीं किया गया है, लेकिन राज्य सरकार ने असम से जल्द समाधान का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे की सक्रियता से समीक्षा की जा रही है ।
