
मॉडल कार्यान्वयन, निर्माण प्रबंधन तथा संचालन एवं रखरखाव के लिए सतत दिशानिर्देश शीर्षक से तीन प्रकाशनों का विमोचनगुवाहाटी। भारत में सबसे तेजी से शहरीकरण करने वाले राज्यों में से एक असम को जलवायु संवेदनशीलता, संसाधन प्रबंधन और शहरी फैलाव सहित बुनियादी ढांचे के विकास में अद्वितीय चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। 35 मिलियन से अधिक की आबादी के साथ, यह राज्य अपने शहरी बुनियादी ढांचे और पर्यावरणीय संसाधनों पर बढ़ते दबाव का सामना कर रहा है । 1.1 मिलियन से अधिक की आबादी के साथ, गुवाहाटी महानगर में आने वाले वर्षों में विकास की महत्वपूर्ण संभावनाएं हैं। अभी भी 70 प्रतिशत से अधिक बुनियादी ढांचे का निर्माण होना बाकी है, अब परिवर्तनकारी यात्रा शुरू करने का समय आ गया है। देश में 70 प्रतिशत से अधिक बुनियादी ढांचे का निर्माण अभी भी होना बाकी है, इसलिए अब परिवर्तनकारी प्रयास शुरू करने का समय आ गया है। असम सरकार के असम विज्ञान प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद (एएसटीईसी) के सहयोग से गृह परिषद ने 10 मार्च 2025 को होटल रेडिसन ब्लू, गुवाहाटी में निर्मित पर्यावरण में जलवायु संबंधी गतिविधियों में तेजी लाने पर पांचवां गृह क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित किया। इस कार्यक्रम को असम सरकार के माननीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री, श्री केशव महंत की उपस्थिति ने और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया माननीय मंत्री जी ने हाल ही में संपन्न एडवांटेज असम 2.0- निवेश और अवसंरचना सम्मेलन 2025 पर प्रकाश खला, जिसने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों के साथ महत्वपूर्ण सहयोग बनाने में सफलता प्राप्त की है। इससे असम की बढ़ती संभावनाओं को साफ ऊर्जा, हरी प्रौद्योगिकी और निम्न- कार्बन अवसंरचना विकास जैसे क्षेत्रों में बनाने में बहुत मदद मिली है। तकनीकी सत्रों में टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देने में नीति और कानूनी कार्यान्वयन की भूमिका, आपदा संभावित क्षेत्रों में तन्यकता बढ़ने की महत्वपूर्ण आवश्यकता और सरकार और उद्योग विशेषज्ञों द्वारा स्मार्ट और टिकाऊ बुनियादी ढांचे के विकास की रणनीतियों के एकीकरण पर जानकारी प्रदान की गई। डॉ. जयदीप बरुआ, निदेशक, असम विज्ञान प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद (एएसटीईसी), विज्ञान, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन विभाग, असम सरकार ने कहा कि हमने सतत विकास के एक नए युग में प्रवेश किया है। हम एक ऐसे भविष्य के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं, जहां विकास और पर्यावरणीय समृद्धि साथ- साथ चलें।स्वच्छ ऊर्जा और हरित प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ वैश्विक निवेशकों के साथ असम की बढ़ती कनेक्टिविटी एक नई जीवनशैली का मार्ग प्रशस्त करेगी। ऊर्जा एवं संसाधन संस्थान (टेरी) के सतत अवसंरचना कार्यक्रम के उपाध्यक्ष एवं सीईओ श्री संजय सेठ ने कहा कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत और वर्ष 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन वाला देश बनने के लक्ष्य के अनुरूप, निर्मित पर्यावरण, निम्न- कार्बन विकास रणनीतियों को अपनाकर जलवायु संबंधी गतिविधियों में तेजी लाने में महत्वपूर्ण सक्रिय भूमिका निभाएगा । हम ऐसे युग में प्रवेश कर रहे हैं जिसमें जलवायु संबंधी चुनौतियां और भी प्रबल होती जा रही हैं । हम टिकाऊ निर्माण प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो कार्बन उत्सर्जन को कम करते हैं और भविष्य के जलवायु प्रभावों के खिलाफ बुनियादी ढांचे की अनुकूलन क्षमता को बढ़ाते हैं । गृह क्षेत्रीय सम्मेलन हितधारक जुड़ाव, नवीन समाधानों का आदान-प्रदान और निर्माण स्तर पर कम कार्बन प्रौद्योगिकियों और प्रथाओं को अपनाना आदि विभिन्न क्षेत्रों में टिकाऊ भविष्य सुनिश्चित करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। पूर्वोत्तर राज्यों में विभिन्न गृह रेटिंग वेरिएंट के तहत 100 से अधिक परियोजनाएं पंजीकृत की गई हैं, जिनमें से लगभग 50 असम राज्य में हैं। गृह परिषद और भारतीय जीवन बीमा निगम ने 2022 में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए ताकि निर्मित वातावरण में स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए सहयोगात्मक रूप से काम किया जा सके। तब से एलआईसी इंडिया की उपलब्ध और नई अवसंरचना का मूल्यांकन किया जा रहा है और कुछ का विभिन्न गृह रेटिंग वेरिएंट के तहत मूल्यांकन किया गया है। इस कार्यक्रम के दौरान गृह फॉर एक्सिस्टिंग बिल्डिंग्स के तहत जोरहाट डिविजनल ऑफिस, एलआईसी इंडिया परियोजना को को सम्मानित किया गया। साथ ही, जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी) के अधीन उत्तर पूर्व के 12 पीएमश्री स्कूलों को गृह फॉर एक्जिस्टिंग स्कूल्स रेटिंग के तहत 4 स्टार और 5 स्टार रेटिंग हासिल करने के लिए सम्मानित किया गया। गृह वेरिएंट के तहत, गुवाहाटी एयरपोर्ट टर्मिनल, एम्स गुवाहाटी, जीएमसीएच का सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक अस्पताल, तेजपुर विश्वविद्यालय की आंतरिक अवसंरचना और कई अन्य अवसंरचना परियोजनाओं को पंजीकृत किया गया है। समारोह में क्षेत्रीय भाषा असमिया में मॉडल कार्यान्वयन, निर्माण प्रबंधन और संचालन एवं रखरखाव के लिए सतत दिशा-निर्देश शीर्षक से तीन मैनुअल लांच किए गए। यह गृह परिषद का एक प्रयास है, ताकि सभी को सतत अभ्यास उपलब्ध कराया जा सके। डिजाइन की शुरुआत से लेकर निर्माण, संचालन और रखरखाव तक भवन के संपूर्ण चरणों को कवर करते हुए, ये मैनुअल परियोजना टीमों को हरित भवन के डिजाइन, निर्माण और रखरखाव के लिए आवश्यक प्रभावी रणनीतियों को अपनाने और लागू करने में मार्गदर्शन करेंगे। समारोह के दौरान, गृह परिषद ने भारतीय आर्किटेक्ट्स संस्थान (आईआईए) असम चैप्टर के उपाध्यक्ष एआर बुधिन बरठाकुर और आर्किटेक्ट्स एसोसिएशन, असम (एएए) के अध्यक्ष एआर रंजीव बरुआ के प्रतिनिधित्व में भारतीय आर्किटेक्ट्स संस्थान (आईआईए) असम चैप्टर ओर आर्किटेक्ट्स एसोसिएशन, असम (एएए) के साथ दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।
