
रायपुर। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से आज सोमवार को कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम भूपेश बघेल, उनके बेटे और अन्य के परिसरों में छापे मारे गए। लेकिन रेड के दौरान ईडी की टीम पर हमला किया गया है। रेड के बाद घर से निकलने के दौरान लोगों ने हमला किया। ईडी ने कहा है कि एजेंसी हमले के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएगी। छापेमारी के दौरान जांच एजेंसी को बघेल के घर से करीब 33 लाख नकद कैश, पेन ड्राइव और कुछ दस्तावेज मिले हैं जिसकी जांच की जा रही है । 11 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद पूर्व सीएम भूपेश बघेल के निवास से टीम बाहर निकल गई है। इस दौरान ईडी के डिप्टी डॉयरेक्टर लेवल के अधिकारी के गाड़ी पर भी हमला हुआ। हमले को लेकर ईडी ने कानूनी कार्यवाही की बात कह रही है। एजेंसी एफआईआर दर्ज करवाएगी। इस बीच कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ छापेमारी पर नाराजगी जताई। पार्टी ने आरोप लगाया कि संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में सरकार के सामने कई अहम मुद्दों से ध्यान भटकाने के मकसद से पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ ईडी के जरिए छापेमारी की कार्रवाई करवाई गई है। छापेमारी के बाद बघेल ने कहा कि मैं मौत से नहीं डरता। भूपेश ना चुनाव लड़ने से डरता है ना ही मौत से । इस दौरान उन्होंने कई वरिष्ठ नेताओं की शहादत का भी जिक्र किया। पूर्व सीएम बघेल के निवास के बाहर भारी संख्या में समर्थक मौजूद हैं। अधिकारी वहां से निकल गए हैं। अधिकारी कंधे में लैपटॉप बैग लेकर लौटते दिखे। टीम ने आज सुबह छापेमारी शुरू की थी। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने कथित शराब घोटाला मामले में भूपेश बघेल के बेटे के खिलाफ धनशोधन जांच के तहत उनके (पूर्व मुख्यमंत्री के) परिसरों पर छापे मारे। सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि बघेल के बेटे चैतन्य के भिलाई ( दुर्ग जिले) स्थित परिसरों, चैतन्य के कथित करीबी सहयोगी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल तथा कुछ अन्य के परिसरों की भी धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत तलाशी ली जा रही है। सूत्रों ने बताया कि चैतन्य अपने पिता के साथ भिलाई में ही रहते हैं, इसलिए उस परिसर पर भी तलाशी ली जा रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा संदेह है कि वह ( चैतन्य बघेल) शराब घोटाले के अपराध से हुई आय के लाभांवित हैं। राज्य में करीब 14-15 परिसरों पर छापे मारे गए। कांग्रेस ने छापेमारी के विरोध में कहा कि बघेल परिवार के खिलाफ रेड ऐसे दिन सुर्खियों का प्रबंधन करने की रणनीति है, जब संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू हुआ और सरकार को कई मुद्दों पर विपक्ष के सवालों का सामना करना पड़ रहा है। ईडी की छापेमारी के तुरंत बाद, भिलाई में भूपेश बघेल के घर के बाहर कांग्रेस के कई नेता और कार्यकर्ता पहुंच गए और दावा किया कि यह केंद्र सरकार की साजिश है। इससे पहले ईडी की ओर से दावा किया गया था कि शराब घोटाले की वजह से राज्य के राजस्व को भारी नुकसान हुआ । इस वजह से 2, 100 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों के पास चली गई। ईडी के अनुसार, यह कथित शराब घोटाला साल 2019 से 2022 के बीच हुआ, जब यहां पर भूपेश बघेल की अगुवाई में कांग्रेस सरकार थी। ईडी ने अब तक अलग-अलग आरोपियों की करीब 205 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है।
