
■ पेशेवर कर से छूट का प्रस्ताव शिक्षा, चिकित्सा, कृषि, उद्योग, पर्यटन व गरीबों के विकास को दी प्राथमिकता कई समझौतों से राज्य में एक स्थिर और शांतिपूर्ण वातावरण बना हुआ है : वित्तमंत्री
गुवाहाटी । असम के वित्त मंत्री अजंता नेउग ने 10 मार्च को राज्य विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राज्य का बजट पेश किया । 2.63 लाख करोड़ के बजट में 620.27 करोड़ के घाटे का अनुमान लगाया गया है। राज्य में 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले, यह हिमंत विश्व शर्मा के नेतृत्व वाली असम सरकार का आखिरी पूर्ण बजट है।
बजट की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
कर में छूट: बजट में राज्य के सभी कामकाजी लोगों के लिए 15,000 तक की मासिक आय पर पेशेवर कर से छूट देने का प्रस्ताव किया गया है। नेउग ने कहा कि इससे 1.43 लाख से ज्यादा करदाताओं / परिवारों को फायदा होगा और उनकी क्रय क्षमता बढ़ेगी । नेउग ने कहा कि मैं असम कराधान (निर्दिष्ट भूमि पर ) अधिनियम, 1990 के तहत हरी चाय की पत्तियों पर कर छूट को 1 जनवरी, 2025 से दो साल के लिए बढ़ाने की भी घोषणा करता हूं।
ओरुनोदोई योजना : मंत्री ने इस योजना के लिए 5,000 करोड़ रुपए आवंटित किए, जिसके तहत असम की 37 लाख से ज्यादा महिलाओं को लाभ मिलेगा। इसके तहत विधवाओं की पेंशन में वृद्धि की जाएगी, ताकि ओरुनोदोई के बराबर पेंशन सुनिश्चित की जा सके।
महिला उद्यमियों को बढ़ावा : महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए 3,038 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता अभियान 1 अप्रैल, 2025 से बेहाली में शुरू होगा । ग्रामीण क्षेत्रों के कम से कम 30 लाख और शहरी क्षेत्रों के दो लाख स्वयं सहायता समूह सदस्यों को इसमें शामिल किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, सीड कैपिटल के रूप में 10,000 रुपए का उद्यमिता कोष दिया जाएगा।
किसानों को अतिरिक्त सहायता :
नए बजट में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के अलावा अतिरिक्त वित्तीय सहायता आवंटित की गई है। अब किसानों को धान के लिए 2,550 रुपए प्रति क्विंटल, मक्का के लिए 2,475 रुपए प्रति क्विंटल और सरसों के लिए 6,450 रुपए प्रति क्विंटल मिलेंगे। मुख्यमंत्री उत्कर्ष योजना के तहत बेहतर प्रदर्शन करने वाले लगभग 500 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को 10-10 लाख रुपए दिए जाएंगे। 15 करोड़ रुपए के जमानत – मुक्त ऋण के प्रारंभिक कोष के साथ एक क्रेडिट गारंटी फंड योजना की भी घोषणा की गई है।
300 करोड़ रुपए की बिजली सब्सिडी : 1 मई से घरेलू और जीवन धारा उपभोक्ताओं के लिए 120 यूनिट तक बिजली की खपत पर 1 रुपए प्रति यूनिट की छूट दी जाएगी।
मानव – पशु संघर्ष को संबोधित करना : मंत्री ने एक अनूठी पहल, बॉन मित्र अभियान के लिए 20 करोड़ आवंटित किए हैं। इस पहल के तहत, गज मित्र योजना पांच सबसे अधिक मानव- हाथी संघर्ष – प्रवण जिलों जैसे- ग्वालपाड़ा, उदालगुड़ी, नगांव, बाक्सा और शोणितपुर में लागू की जाएगी। हाथियों के आवासों को समृद्ध बनाने, हाथियों की आवाजाही
पर वास्तविक समय में अलर्ट के लिए एआई-आधारित कैमरा ट्रैप लगाने और हाथियों के लगातार चरने वाले क्षेत्रों में धान की खरीद को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। मानव वन्यजीव संघर्ष के कारण मानव जीवन के नुकसान के लिए अनुग्रह राशि को 4 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दिया गया है। वन्यजीवों के कारण फसल क्षति के मुआवजे को भी 7,500 से बढ़ाकर 8,000 प्रति बीघा कर दिया गया है।
राज्य के बुनियादी ढांचे को बढ़ाना : वित्त वर्ष 2025 2026 के लिए कई बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं को
धन आवंटित किया गया है। कर्नाटक विश्वविद्यालय को 400 करोड़, अत्याधुनिक खेल स्टेडियम को 108 करोड़ और नेहरू स्टेडियम फीफा सेंटर को 675 करोड़ दिए गए हैं। इसके अलावा डिब्रूगढ़ में नए विधानसभा भवन और एमएलए हॉस्टल के लिए 200 करोड़ आवंटित किए गए हैं।
लेखकों को सहायता, पुस्तकों पर ध्यान केंद्रित करें : मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि रचनात्मक, वैज्ञानिक और अकादमिक लेखन में योगदान देने वाले 1,000 युवा लेखकों को 25,000-25,000 रुपए दिए जाएंगे। सरकारी समारोहों में
दिए जाने वाले सभी आधिकारिक उपहार पुस्तकें होंगी और सभी सरकारी कर्मचारियों को पुस्तक खरीदने के लिए 1,000 रुपए का एकमुश्त अनुदान दिया जाएगा।
चाय किसानों के लिए समर्थन : 6.8 लाख चाय बागान श्रमिकों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए 342 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। उन्हें 5,000 रुपए की एकमुश्त वित्तीय सहायता दी जाएगी।
खाद्यान्न पर अधिक सब्सिडी : अन्न सेवा से जन सेवा योजना के लिए 370 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं और अब यह राज्य के 60 लाख से ज्यादा परिवारों को कवर करेगी। इस साल
अक्तूबर से मसूर दाल पर 25 रुपए प्रति किलो, चीनी पर 20 रुपए प्रति किलो और चीनी पर 10 रुपए प्रति किलो की सब्सिडी मिलेगी। इसके अलावा, पांच से ज्यादा सदस्यों वाले परिवारों को एक किलो मसूर दाल दी जाएगी। वर्ष 2025-26 में समेकित निधि से कुल व्यय 1,55,985.14 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक खाते के तहत 1,02,974.10 करोड़ रुपए और आकस्मिकता निधि के तहत 2,000 करोड़ रुपए के व्यय को ध्यान में रखते हुए, वर्ष के लिए कुल व्यय 2,60,959.24 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है।
