
भारतीय टीम ने 2025 चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में जगह बना ली है। मंगलवार को सेमीफाइनल में विराट कोहली की संयमित पारी की बदौलत भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराते हुए 265 रनों के लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल किया। कोहली ने 98 गेंदों पर 84 रनों की अहम पारी खेली और टीम को जीत की ओर ले गए। मैच के बाद प्लेयर ऑफ द मैच चुने गए कोहली ने कहा, ऐसे खेल में दबाव बनाना सबसे अहम होता है, खासकर सेमीफाइनल और फाइनल जैसे बड़े मुकाबलों में । अगर आप अंत तक डटे रहते हैं और विकेट हाथ में होते हैं, तो विपक्षी टीम पर दबाव बढ़ता जाता है और खेल आसान हो जाता है । भारत को 30 रन पर पहला झटका लगा, जिसके बाद कोहली क्रीज पर आए। उन्होंने पहले श्रेयस अय्यर (91 रन की साझेदारी), फिर अक्षर पटेल (44 रन की साझेदारी) और अंत में केएल राहुल (47 रन की साझेदारी) के साथ मिलकर टीम को जीत के करीब पहुंचाया। हार्दिक पांड्या और राहुल ने मिलकर जीत की औपचारिकता पूरी की। कोहली ने अपनी पारी के दौरान सिर्फ पांच चौके लगाए और कोई छक्का नहीं मारा। उनकी 84 रनों की पारी में 56 रन सिंगल्स से आए। उन्होंने कहा कि पिच की स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्होंने यह रणनीति अपनाई । कोहली ने कहायह हालात पाकिस्तान के खिलाफ मैच की तरह ही थे। उस दिन भी मैंने अपनी पारी में सिर्फ सात चौके लगाए थे। मेरे लिए जरूरी था कि मैं परिस्थिति को समझू और स्ट्राइक रोटेट करूं, क्योंकि इस पिच पर साझेदारी सबसे अहम थी। मेरा एकमात्र उद्देश्य टीम के लिए उपयोगी साझेदारियां बनाना था। कोहली पूरे मैच के दौरान संयमित नजर आए और उन्होंने 43वें ओवर तक बड़ा शॉट खेलने की कोशिश नहीं की। लेकिन जब उन्होंने एडम जंपा की गूगली पर छक्का लगाने की कोशिश की, तो वह लॉन्ग ऑन पर कैच आउट हो गए। मैंने क्रीज पर खुद को शांत रखा और सिंगल्स लेते हुए अपनी पारी को आगे बढ़ाया। जब एक बल्लेबाज सिंगल लेने पर गर्व महसूस करने लगता है, तो वह अच्छी बल्लेबाजी कर रहा होता है और लंबी साझेदारी बनाने की ओर बढ़ता है, कोहली ने कहा । अब भारत को फाइनल में अपने प्रतिद्वंद्वी का इंतजार है। दूसरा सेमीफाइनल बुधवार को लाहौर में न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला जाएगा।
